आपको दो तस्वीरें एक साथ दिखाते हैं। पहले वीडियो में आप देंखेंगे की सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिलते और उनके आलीशान महल में शान से कदमताल करते नजर आ रहे हैं। जबकि दूसरी तस्वीर में कभी अमेरिका के द्वारा घोषित एक करोड़ डॉलर ( लगभग 85.5 करोड़ रुपए) के आतंकी से मुलाकात करते दिख रहे हैं। मुलाकात ऐसी की दोनों की आंखों में एक दूसरे के लिए मोहब्बत और इकरार दिख रहा है। अमेरिका ने सीरिया पर से सारे प्रतिबंध हटाने का फैसला कर देता है। कभी अलकायदा का साथी और लड़ाका मानने वाले शख्स से खुद अमेरिकी राष्ट्रपति मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। एक करोड़ डॉलर का ईनाम तक उस शख्स पर रखा हुआ था। दरअसल, अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अल शरा से मुलाकात की है। अल शरा से ट्रंप की मुलाकात के पीछे सऊदी अरब एक बड़ा खिलाड़ी है।
मिडिल ईस्ट में बड़े बदलाव का इशारा
अहमद अल-शरा के साथ हुई बैठक में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी मौजूद रहे। वहीं, तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन भी ऑनलाइन मीटिंग में साथ थे। तुर्किये अल-शरा और उनके विद्रोही धड़े का प्रमुख समर्थक है। अल-शरा सीरिया में बशर अल असद सरकार का तख्तापलट करके सत्ता पर काबिज हुए हैं। खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) नेताओं के साथ ट्रंप की मुलाकात से इतर हुई यह बैठक असद परिवार के 54 साल से अधिक के शासनकाल से उबर रहे सीरिया के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है, जो मिडिल ईस्ट में बड़े बदलाव की तरफ इशारा कर रहा है। ट्रंप ने एक दिन पहले रियाद में घोषणा की थी कि वह बशर अल-असद के शासन में सीरिया पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के लिए कदम उठाएंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद सीरिया में लोगों ने जश्न मनाया और आतिशवाजी की। उन्हें उम्मीद है कि उनके देश को ऐसे समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से जगह बनाने में मदद मिलेगी, जव उन्हें निवेश की सबसे अधिक जरूरत है।
कौन हैं अल-शरा?
अहमद अल-शरा को अबु मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता रहा है। सीरिया से असद सरकार को उखाड़ फेंकने के वाद सत्ता पर कब्जा जमाया और अपना नाम अल-शरा रखा है। वह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता रहे हैं, जिसे कई देशों और अंतरराष्ट्रीय निकायों ने आतंकी संगठन घोषित किया है। सीरियाई युद्ध में हिस्सा लेने से पहले इराक में अमेरिकी बलों से लड़ने वाले विद्रोहियों में शामिल थे और अल कायदा से भी जुड़े थे। अमेरिका ने 10 लाख डॉलर का इनाम रखा था, पिछले साल दिसंबर में यह इनाम हटा लिया गया था। अब वही शख्स अमेरिका के राष्ट्रपति से हाथ मिला रहे हैं।