धीरेंद्र शास्त्री सनातन एकता के प्रतीक:बरेली के प्रमुख धर्मगुरु ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन धर्म एकता पदयात्रा का खुलकर किया समर्थन

बरेली के प्रमुख धर्मगुरु पंडित सुशील पाठक ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन धर्म एकता पदयात्रा का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने इस यात्रा को सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के लिए गर्व का विषय बताया। पंडित पाठक ने कहा कि आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा निकाली जा रही यह यात्रा केवल एक धार्मिक अभियान नहीं, बल्कि देश में सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के विचारों को संसद के माध्यम से पूरे देश तक पहुंचाएं। पंडित पाठक ने निवेदन किया कि धीरेंद्र शास्त्री की इस सनातन एकता यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनाया जाए, ताकि हर भारतीय अपनी संस्कृति और परंपरा पर गर्व महसूस कर सके। धर्मगुरु सुशील पाठक ने यात्रा का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट किया कि धीरेंद्र शास्त्री किसी जाति, संप्रदाय या वर्ग विशेष की बात नहीं कर रहे हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोगों को एक सूत्र में जोड़ना है। ऐसे में जो लोग इस यात्रा का विरोध कर रहे हैं, वे न केवल सनातन विरोधी हैं बल्कि समाज में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म का अर्थ ही समभाव, एकता और सहिष्णुता है, और यही संदेश धीरेंद्र शास्त्री देशभर में प्रसारित कर रहे हैं। पंडित सुशील पाठक ने कहा कि बरेली सहित देशभर के सनातन धर्म को मानने वाले लोग धीरेंद्र शास्त्री के साथ हैं। उन्होंने जरूरत पड़ने पर स्वयं भी इस पदयात्रा में शामिल होकर समर्थन दर्ज कराने की बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज की एकता का प्रतीक है। धीरेंद्र शास्त्री सनातन संस्कृति के ऐसे दीपक हैं, जो देश को धर्म, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति की दिशा में एकजुट कर रहे हैं।

Nov 10, 2025 - 20:31
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धीरेंद्र शास्त्री सनातन एकता के प्रतीक:बरेली के प्रमुख धर्मगुरु ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन धर्म एकता पदयात्रा का खुलकर किया समर्थन
बरेली के प्रमुख धर्मगुरु पंडित सुशील पाठक ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन धर्म एकता पदयात्रा का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने इस यात्रा को सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के लिए गर्व का विषय बताया। पंडित पाठक ने कहा कि आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा निकाली जा रही यह यात्रा केवल एक धार्मिक अभियान नहीं, बल्कि देश में सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के विचारों को संसद के माध्यम से पूरे देश तक पहुंचाएं। पंडित पाठक ने निवेदन किया कि धीरेंद्र शास्त्री की इस सनातन एकता यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनाया जाए, ताकि हर भारतीय अपनी संस्कृति और परंपरा पर गर्व महसूस कर सके। धर्मगुरु सुशील पाठक ने यात्रा का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट किया कि धीरेंद्र शास्त्री किसी जाति, संप्रदाय या वर्ग विशेष की बात नहीं कर रहे हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोगों को एक सूत्र में जोड़ना है। ऐसे में जो लोग इस यात्रा का विरोध कर रहे हैं, वे न केवल सनातन विरोधी हैं बल्कि समाज में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म का अर्थ ही समभाव, एकता और सहिष्णुता है, और यही संदेश धीरेंद्र शास्त्री देशभर में प्रसारित कर रहे हैं। पंडित सुशील पाठक ने कहा कि बरेली सहित देशभर के सनातन धर्म को मानने वाले लोग धीरेंद्र शास्त्री के साथ हैं। उन्होंने जरूरत पड़ने पर स्वयं भी इस पदयात्रा में शामिल होकर समर्थन दर्ज कराने की बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज की एकता का प्रतीक है। धीरेंद्र शास्त्री सनातन संस्कृति के ऐसे दीपक हैं, जो देश को धर्म, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति की दिशा में एकजुट कर रहे हैं।