अब होगी भयानक तबाही! अमेरिका के एक्शन से बौखलाया ईरान, ट्रंप ने जारी की चेतावनी | Iran-Israel War & US Bombings |
एक साहसिक राजनीतिक दांव में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस महीने की शुरुआत में तेहरान के परमाणु बुनियादी ढांचे पर तेल अवीव के हमलों से खुद को दूर रखने के बाद अब इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष में प्रवेश किया है। चाहे यह उनका मूल इरादा था या नहीं, ट्रम्प के हस्तक्षेप के दूरगामी निहितार्थ हैं - न केवल अमेरिकी घरेलू राजनीति और विदेश नीति के लिए, बल्कि मध्य पूर्व और व्यापक एशिया की भू-राजनीति के लिए भी।इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: पूछताछ के लिए बुलाए गए युवक ने थाने में आत्महत्या का प्रयास किया इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूदाइजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका ने परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए बंकर बम भी गिराए। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरान ने कहा कि अमेरिका ने ‘‘हद पार कर दी है।’’ ईरान की जवाबी कार्रवाई की धमकी के बीच व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों को ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।’’ ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि कूटनीति का दौर बीत गया और उनके देश को आत्मरक्षा का अधिकार है। इसे भी पढ़ें: लुधियाना में ‘लिव इन’ में रह रही युवती की हत्या का आरोपी युवक गोंडा से गिरफ्तार अमेरिका ने ईरान को सैन्य कार्रवाई नहीं बढ़ाने की चेतावनी दीसंयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोर्थी शी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक आपात बैठक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि ‘‘अमेरिकियों या अमेरिकी सैन्य अड्डों के खिलाफ ईरान के किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हमले का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।’’ उन्होंने ईरान द्वारा बुलाई गई रविवार की बैठक में कहा कि अमेरिका ने इजराइल और अमेरिकी नागरिकों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है ताकि ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोका जा सके क्योंकि ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में ‘‘भ्रामक’’ बातें फैलाईं और ‘‘हालिया वार्ताओं में सद्भावनापूर्ण प्रयासों को सफल नहीं होने दिया’’। शी ने सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह ईरान से इजराइल को खत्म करने के मकसद से 47 साल से जारी उसके प्रयास को बंद करने, अपने परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने, अमेरिकियों और अमेरिकी हितों को निशाना बनाना बंद करने तथा ‘‘सद्भावनापूर्वक शांति वार्ता’’ करने का आह्वान करे।

एक साहसिक राजनीतिक दांव में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस महीने की शुरुआत में तेहरान के परमाणु बुनियादी ढांचे पर तेल अवीव के हमलों से खुद को दूर रखने के बाद अब इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष में प्रवेश किया है। चाहे यह उनका मूल इरादा था या नहीं, ट्रम्प के हस्तक्षेप के दूरगामी निहितार्थ हैं - न केवल अमेरिकी घरेलू राजनीति और विदेश नीति के लिए, बल्कि मध्य पूर्व और व्यापक एशिया की भू-राजनीति के लिए भी।
इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: पूछताछ के लिए बुलाए गए युवक ने थाने में आत्महत्या का प्रयास किया
इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूदा
इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका ने परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए बंकर बम भी गिराए। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरान ने कहा कि अमेरिका ने ‘‘हद पार कर दी है।’’ ईरान की जवाबी कार्रवाई की धमकी के बीच व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों को ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।’’ ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि कूटनीति का दौर बीत गया और उनके देश को आत्मरक्षा का अधिकार है।
इसे भी पढ़ें: लुधियाना में ‘लिव इन’ में रह रही युवती की हत्या का आरोपी युवक गोंडा से गिरफ्तार
अमेरिका ने ईरान को सैन्य कार्रवाई नहीं बढ़ाने की चेतावनी दी
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोर्थी शी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक आपात बैठक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि ‘‘अमेरिकियों या अमेरिकी सैन्य अड्डों के खिलाफ ईरान के किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हमले का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।’’ उन्होंने ईरान द्वारा बुलाई गई रविवार की बैठक में कहा कि अमेरिका ने इजराइल और अमेरिकी नागरिकों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है ताकि ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोका जा सके क्योंकि ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में ‘‘भ्रामक’’ बातें फैलाईं और ‘‘हालिया वार्ताओं में सद्भावनापूर्ण प्रयासों को सफल नहीं होने दिया’’। शी ने सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह ईरान से इजराइल को खत्म करने के मकसद से 47 साल से जारी उसके प्रयास को बंद करने, अपने परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने, अमेरिकियों और अमेरिकी हितों को निशाना बनाना बंद करने तथा ‘‘सद्भावनापूर्वक शांति वार्ता’’ करने का आह्वान करे।