सरवती देवी मैमोरियल ट्रस्ट की तत्वाधान में फार्मास्यूटिकल और संबद्ध विज्ञान संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया

सरवती देवी मैमोरियल ट्रस्ट की तत्वाधान में फार्मास्यूटिकल और संबद्ध विज्ञान संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया

Jun 6, 2025 - 13:53
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सरवती देवी मैमोरियल ट्रस्ट की तत्वाधान में फार्मास्यूटिकल और संबद्ध विज्ञान संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया

सरवती देवी मैमोरियल ट्रस्ट की तत्वाधान में फार्मास्यूटिकल और संबद्ध विज्ञान संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया

सरवती देवी मैमोरियल ट्रस्ट संस्थापक डॉ रेनूशरण के नेतृत्व में विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 के अवसर प्रति फार्मास्यूटिकल और संबद्ध विज्ञान संस्थान बीबीएस ग्रेटर नोएडा में स्थित डॉ हेमलता नेहा शर्मा डॉ हेमलता नेहा शर्मा शिखा पांडे अंकुर द्वार एक विशेष पर्यावरण जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस वर्ष की थीम रही हमारी धरती हमारा भविष्य के अंतर्गत कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आम जनता को जागरूक करना और भागीदारी सुरक्षित करना कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यक्रमन्यूनतम गतिविधियां आयोजित की गई 

पौधारोपण अभियान में 200 से अधिक पौधे लगाए गए ।इस अवसर पर पॉलिथीन मुक्त अभियान चलाया 

प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली के प्रति नुक्कड़ नाटक और प्रस्तुति दी गईं स्थानीय स्कूल में बच्चों के लिए पोस्टर वी कविता प्रतियोगिता कराई गई और डॉ हेमलता ने अपनी कविता प्रस्तुत कर सभी का मन मंत्रमुग्ध हुआ जो इस प्रकार है।

प्रकृति पुकार रही है,

पेड़ों की छाँव नदियों की धार, धरती का हर कोना है ,अनुपम उपहार ,फूलों की मुस्कान पक्षियों का गीत ,कहते हैं हमसे संभलो यह प्रीत, नीला आकाश हरियाली की चादर, क्या यहीं रहेगी या होगी पत्थरों की दीवार ,मानव तू क्यों इतना अंधा हो चला ,अपनी ही जड़ो को क्यों काटें चला , कांटे पेड़ बहे जहर जल में ,फेंकी प्लास्टिक हवा और जगह में ,अब प्रकृति रो रही कर रही विनती ,मुझे बचा लो अब और नहीं सहनशक्ति ,उठो इंसान अभी समय बाकी है ,धरती को बचाने की घड़ी है ,पेड़ लगाओ जल बचाओ जीवन दो ,प्रकृति के संग फिर से रिश्ता जोड़ो ,मत भूलो यहीं धरती धरती है मन हमारी ,जिसने हर पल देखी हमारी चिंता सारी ,चलो मिलकार एक नया सपना बने ,प्रकृति संघ प्रेम के बीच हम आज ही बूने है