ईडी दफ्तरों पर कांग्रेसी प्रदर्शन दबाव और काले कारनामों पर पर्दे की कोशिश: चौहान
ईडी दफ्तरों पर कांग्रेसी प्रदर्शन दबाव और काले कारनामों पर पर्दे की कोशिश: चौहान
 
                                ईडी दफ्तरों पर कांग्रेसी प्रदर्शन दबाव और काले कारनामों पर पर्दे की कोशिश: चौहान
पारदर्शिता को बर्दाश्त नहीं कर पा रही कांग्रेस
देहरादून 22 अगस्त। भाजपा ने ईडी दफ्तरों के कांग्रेसी घेराव को जांच एजेंसियों पर दबाव डालकर, अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर सिंह चौहान ने पलटवार किया कि ईडी के पास मात्र 3 फीसदी मामले ही राजनेताओं के हैं उसमें भी अधिकांश नेता कांग्रेसी हैं । लिहाजा जांच एजेंसियों का विरोध बताता है कि कांग्रेस का हाथ अब भी भ्रष्टचारियों के साथ है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का इस तरह का राजनैतिक घेराव बताता है कि कांग्रेस पारदर्शिता को बर्दाश्त नही कर पा रही है। क्योंकि कल तक ईडी जैसी जांच एजेंसियों के गठन का क्रेडिट लेनें वाली कांग्रेस ही, अब इन जांच एजेंसियों की विश्वसनीयताच पर सवाल उठा रही है। आज ईडी भ्रष्टाचार के जितने मामलों की जांच कर रही है, उसमें सिर्फ 3 प्रतिशत राजनेता हैं, बाकी के 97% मामले अफसरों और अपराधियों के खिलाफ हैं। अब तक काग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के सरकारी 1 रुपए के 15 पैसे में बदलने के सिद्धांत मानकर चलते रहे। यही वजह है कि अधिकांश भ्रष्टाचार के मामले उनके नेताओं द्वारा ही अंजाम दिए गए हैं, ऐसे में जांच एजेंसी की क्या गलती है। दरअसल कांग्रेस करप्शन को बढ़ावा देती रही है और यही वजह हैं कि उन्हें भ्रष्ट सिस्टम के बने रहने में ही फायदा नजर आता है।
भ्रष्टाचार निवारण में ईडी की भूमिका इन आंकड़ों से ही स्पष्ट होती है कि 2014 से पहले ईडी ने मनमोहन सरकार में केवल 34 लाख रुपए कैश जब्त किए थे, जबकि एनडीए की सरकार में उसने 2,200 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश जब्त किए हैं। मोदी सरकार से पहले इस संस्था ने केवल 5,000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। पिछले 10 सालों में यह राशि एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। हमारी एनडीए सरकार ने 2014 में सरकार बनने के तुरंत बाद सेवभ्रष्टाचार के खिलाफ कई स्तर पर कड़े कदम उठाए। लेकिन कांग्रेस और उनके सहयोगी इंडी गठबंधन को यह सब हजम नही होने वाला। जिन्होंने देश को लूटने का काम किया है उन सभी पर ही ED की तलवार लटकी है । यही वजह है कि वे नेगेटिव नैरेटिव फैलाकर देश की सभी जांच एजेंसियों की छवि खराब कर, जांच प्रभावित करना चाहती हैं ।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 


 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                            

 
                                             
                                             
                                             
                                            