1962 जंग के बाद बंद न्योमा एयरबेस फिर शुरू:चीन बॉर्डर के पास लद्दाख में 13000 फीट ऊंचाई पर बना, एयरफोर्स चीफ ने लैंड किया एयरक्राफ्ट

पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा के पास न्योमा एयरबेस को बुधवार को फिर से शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से सी-130जे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाकर न्योमा एयरबेस में लैंडिंग की। उनके साथ पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा भी थे। न्योमा एयरबेस 13,710 फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस में से एक है। यह चीन की सीमा LAC से करीब 25 किलोमीटर दूर है और इसमें 2.7 किलोमीटर लंबा रनवे है। यह एयरबेस 1962 में शुरू हुआ था, लेकिन भारत-चीन युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था। 2023 में इसे फिर से आधुनिक एयरबेस बनाने का काम शुरू हुआ और अब 12 नवंबर को इसे दोबारा खोला गया है। मुध गांव के नाम पर बना एयरबेस यहां से लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर उड़ान भर सकते हैं। इसे करीब ₹218 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यहां से सैनिकों और हथियारों को तेजी से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में मदद मिलेगी। मुध-न्योमा नाम बेस के पास स्थित मुध गांव से लिया गया है। लद्दाख में वायुसेना का चौथा एयरबेस न्योमा लद्दाख में वायुसेना का चौथा बेस है। अन्य 3 एयरबेस लेह, कारगिल और थोईस में स्थित हैं। इनमें कारगिल एयरबेस लगभग 10,500 फीट पर स्थित है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टरों के लिए उत्तरी लद्दाख में शित्थि दौलत बेग ओल्डी में मिट्टी से बने रनवे का इस्तेमाल करती है। यह 16,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व का सबसे ऊंचा एयरफील्ड है। रक्षा मंत्रालय LAC से सटे सभी हवाई ठिकानों और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स (ALG) का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसी कड़ी में दौलत बेग ओल्डी ALG में भी आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है। 2023 में एयरबेस का शुरू हुआ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सितंबर 2023 में न्योमा एयरबेस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इसे बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने पूरा किया। प्रोजेक्ट के तहत एयरबेस में हैंगर, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग, पार्किंग एरिया बनाए गए हैं। न्योमा एयरबेस के चालू होने से लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र में भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अब इस एयरबेस का इस्तेमाल करेंगे। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद हुआ एयरबेस न्योमा एयरबेस पर पहले मिट्टी का रनवे था, जहां बारिश के दौरान कीचड़ हो जाती थी। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद कई दशकों तक इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। इसे सितंबर 2009 में दोबारा शुरू किया गया, जब वायुसेना के एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने यहां पहली बार लैंडिंग की थी। इसके बाद यह फिर बंद रहा और अब एयरबेस को आधुनिक रूप में तैयार कर पूरी तरह से शुरू किया गया। सिंधु नदी के किनारे स्थित न्योमा, लेह से करीब 180 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यहां सर्दियों में तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे एयरबेस पर विशेष रखरखाव ढांचे की जरूरत पड़ती है। 2020 में चीन से टकराव के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेज भारत ने अप्रैल 2020 में चीन के साथ सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से बॉर्डर वाले इलाकों में सड़कों, पुलों, सुरंगों, एयरबेस और हेलीपैड के निर्माण की रफ्तार तेज कर दी है, ताकि युद्ध की स्थिति में संवेदनशील जगहों पर सेना की आवाजाही और लॉजिस्टिक सपोर्ट मजबूत किया जा सके। ----------------------- भारतीय सेना से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... भारत को 113 तेजस मार्क-1A इंजन देगा अमेरिका: HAL और अमेरिकी कंपनी में ₹8,870 करोड़ की डील; 2027 से 2032 के बीच होगी डिलीवरी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने 7 नवंबर को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 1 अरब डॉलर (करीब ₹8,870 करोड़) की डील की। इस इसके तहत GE भारत को 113 जेट इंजन और सपोर्ट पैकेज देगी। HAL ने समझौते के बारे में X में पोस्ट कर जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि ये इंजन 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) में लगाए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 14, 2025 - 13:29
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1962 जंग के बाद बंद न्योमा एयरबेस फिर शुरू:चीन बॉर्डर के पास लद्दाख में 13000 फीट ऊंचाई पर बना, एयरफोर्स चीफ ने लैंड किया एयरक्राफ्ट
पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा के पास न्योमा एयरबेस को बुधवार को फिर से शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से सी-130जे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाकर न्योमा एयरबेस में लैंडिंग की। उनके साथ पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा भी थे। न्योमा एयरबेस 13,710 फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस में से एक है। यह चीन की सीमा LAC से करीब 25 किलोमीटर दूर है और इसमें 2.7 किलोमीटर लंबा रनवे है। यह एयरबेस 1962 में शुरू हुआ था, लेकिन भारत-चीन युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था। 2023 में इसे फिर से आधुनिक एयरबेस बनाने का काम शुरू हुआ और अब 12 नवंबर को इसे दोबारा खोला गया है। मुध गांव के नाम पर बना एयरबेस यहां से लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर उड़ान भर सकते हैं। इसे करीब ₹218 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यहां से सैनिकों और हथियारों को तेजी से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में मदद मिलेगी। मुध-न्योमा नाम बेस के पास स्थित मुध गांव से लिया गया है। लद्दाख में वायुसेना का चौथा एयरबेस न्योमा लद्दाख में वायुसेना का चौथा बेस है। अन्य 3 एयरबेस लेह, कारगिल और थोईस में स्थित हैं। इनमें कारगिल एयरबेस लगभग 10,500 फीट पर स्थित है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टरों के लिए उत्तरी लद्दाख में शित्थि दौलत बेग ओल्डी में मिट्टी से बने रनवे का इस्तेमाल करती है। यह 16,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व का सबसे ऊंचा एयरफील्ड है। रक्षा मंत्रालय LAC से सटे सभी हवाई ठिकानों और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स (ALG) का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसी कड़ी में दौलत बेग ओल्डी ALG में भी आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है। 2023 में एयरबेस का शुरू हुआ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सितंबर 2023 में न्योमा एयरबेस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इसे बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने पूरा किया। प्रोजेक्ट के तहत एयरबेस में हैंगर, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग, पार्किंग एरिया बनाए गए हैं। न्योमा एयरबेस के चालू होने से लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र में भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अब इस एयरबेस का इस्तेमाल करेंगे। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद हुआ एयरबेस न्योमा एयरबेस पर पहले मिट्टी का रनवे था, जहां बारिश के दौरान कीचड़ हो जाती थी। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद कई दशकों तक इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। इसे सितंबर 2009 में दोबारा शुरू किया गया, जब वायुसेना के एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने यहां पहली बार लैंडिंग की थी। इसके बाद यह फिर बंद रहा और अब एयरबेस को आधुनिक रूप में तैयार कर पूरी तरह से शुरू किया गया। सिंधु नदी के किनारे स्थित न्योमा, लेह से करीब 180 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यहां सर्दियों में तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे एयरबेस पर विशेष रखरखाव ढांचे की जरूरत पड़ती है। 2020 में चीन से टकराव के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेज भारत ने अप्रैल 2020 में चीन के साथ सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से बॉर्डर वाले इलाकों में सड़कों, पुलों, सुरंगों, एयरबेस और हेलीपैड के निर्माण की रफ्तार तेज कर दी है, ताकि युद्ध की स्थिति में संवेदनशील जगहों पर सेना की आवाजाही और लॉजिस्टिक सपोर्ट मजबूत किया जा सके। ----------------------- भारतीय सेना से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... भारत को 113 तेजस मार्क-1A इंजन देगा अमेरिका: HAL और अमेरिकी कंपनी में ₹8,870 करोड़ की डील; 2027 से 2032 के बीच होगी डिलीवरी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने 7 नवंबर को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 1 अरब डॉलर (करीब ₹8,870 करोड़) की डील की। इस इसके तहत GE भारत को 113 जेट इंजन और सपोर्ट पैकेज देगी। HAL ने समझौते के बारे में X में पोस्ट कर जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि ये इंजन 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) में लगाए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें...