श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया:अजामिल, प्रह्लाद चरित्र और गजेंद्र मोक्ष प्रसंगों का वर्णन हुआ

अजमेर रोड स्थित रीको हाउसिंग कॉलोनी के आशापूर्ण शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का चौथा दिन भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ। कथा व्यास शिवम् कृष्ण महाराज (वृन्दावन धाम) ने अजामिल चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, गजेंद्र मोक्ष और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे प्रसंगों का वर्णन किया। महाराज शिवम् कृष्ण ने अजामिल कथा के माध्यम से भक्ति और नामस्मरण की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि जीवन के अंतिम क्षणों में भी हरिनाम का स्मरण करने से व्यक्ति का उद्धार निश्चित है। प्रह्लाद चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि सच्ची भक्ति में भय, लोभ या स्वार्थ का कोई स्थान नहीं होता। भगवान स्वयं भक्त की रक्षा करते हैं। गजेंद्र मोक्ष प्रसंग में महाराज ने समझाया कि अहंकार त्यागकर पूर्ण समर्पण से प्रभु को पुकारने पर भगवान तत्काल सहायता करते हैं। शाम को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान भजनों, झांकियों और नृत्य के साथ 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की' जैसे भजन गूंजे। मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। आयोजन में श्रीमद्भागवत कथा परिवार के सदस्यों ने सहयोग किया। इनमें राजेंद्र कुमार शर्मा, त्रिलोक कुमार शर्मा, सुरेश चंद्र, भंवर लाल शर्मा, राज कुमार, अमर चंद पटेल, शांति लाल, सोहन लाल वैष्णव, अक्षय कुमार, रमेश आचार्य, हेमराज आचार्य, मनोज व्यास और चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री शामिल थे। अनेक अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपनी सेवाएं दीं। कथा स्थल पर क्षेत्रभर से सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। उन्होंने कथामृत का श्रवण किया। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया और अगले दिवस की कथा प्रसंगों की जानकारी दी गई। मंदिर परिसर पूरे दिन भक्ति संगीत और श्रीकृष्ण नाम के जयघोष से गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने आयोजन समिति के इस सात दिवसीय कार्यक्रम की सराहना की।

Nov 14, 2025 - 13:29
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श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया:अजामिल, प्रह्लाद चरित्र और गजेंद्र मोक्ष प्रसंगों का वर्णन हुआ
अजमेर रोड स्थित रीको हाउसिंग कॉलोनी के आशापूर्ण शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का चौथा दिन भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ। कथा व्यास शिवम् कृष्ण महाराज (वृन्दावन धाम) ने अजामिल चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, गजेंद्र मोक्ष और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे प्रसंगों का वर्णन किया। महाराज शिवम् कृष्ण ने अजामिल कथा के माध्यम से भक्ति और नामस्मरण की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि जीवन के अंतिम क्षणों में भी हरिनाम का स्मरण करने से व्यक्ति का उद्धार निश्चित है। प्रह्लाद चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि सच्ची भक्ति में भय, लोभ या स्वार्थ का कोई स्थान नहीं होता। भगवान स्वयं भक्त की रक्षा करते हैं। गजेंद्र मोक्ष प्रसंग में महाराज ने समझाया कि अहंकार त्यागकर पूर्ण समर्पण से प्रभु को पुकारने पर भगवान तत्काल सहायता करते हैं। शाम को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान भजनों, झांकियों और नृत्य के साथ 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की' जैसे भजन गूंजे। मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। आयोजन में श्रीमद्भागवत कथा परिवार के सदस्यों ने सहयोग किया। इनमें राजेंद्र कुमार शर्मा, त्रिलोक कुमार शर्मा, सुरेश चंद्र, भंवर लाल शर्मा, राज कुमार, अमर चंद पटेल, शांति लाल, सोहन लाल वैष्णव, अक्षय कुमार, रमेश आचार्य, हेमराज आचार्य, मनोज व्यास और चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री शामिल थे। अनेक अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपनी सेवाएं दीं। कथा स्थल पर क्षेत्रभर से सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। उन्होंने कथामृत का श्रवण किया। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया और अगले दिवस की कथा प्रसंगों की जानकारी दी गई। मंदिर परिसर पूरे दिन भक्ति संगीत और श्रीकृष्ण नाम के जयघोष से गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने आयोजन समिति के इस सात दिवसीय कार्यक्रम की सराहना की।