भाजपा ने बीएपी नेताओं पर साधा निशाना:कहा- आदिवासी माइंस मालिक से ली रिश्वत, विधायक का दोहरा चरित्र आया सामने

भाजपा के आदिवासी नेताओं ने आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली बीएपी के नेताओं निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि बीएपी के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल जिस माइंस मालिक से रिश्वत ले रहे थे वह भी एक आदिवासी है। हमेशा आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली भारत आदिवासी पार्टी के विधायक उसे ब्लैक मेल कर रहे थे। ऐसे में उनका दोहरा चरित्र सामने आ गया है। भाजपा के आदिवासी नेता और डूंगरपुर विधानसभा से प्रत्याशी रहे बंशीलाल कटारा, बिछीवाड़ा से प्रधान देवराम रोत, उमेश भणात समेत कई नेताओं ने बीएपी पर आदिवासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी ने नेता केवल अपने स्वार्थ की राजनीति के लिए आदिवासी समाज का नाम के रहे है। बाकी समाज के विकास को लेकर उनकी कोई सोच ओर विचारधारा नहीं है। पहले बीटीपी बनाई। उस समय कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया, लेकिन विकास के कोई काम नहीं हुए। इसके बाद एक व्यक्ति एक पद का नियम फिर से उम्मीदवार बनने में बाधा बना तो नई पार्टी बना ली ओर बीएपी आ गए। नई पार्टी बनाने के बाद आदिवासियों को ही ठगने का काम कर रहे है।

May 8, 2025 - 15:18
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भाजपा ने बीएपी नेताओं पर साधा निशाना:कहा- आदिवासी माइंस मालिक से ली रिश्वत, विधायक का दोहरा चरित्र आया सामने
भाजपा के आदिवासी नेताओं ने आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली बीएपी के नेताओं निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि बीएपी के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल जिस माइंस मालिक से रिश्वत ले रहे थे वह भी एक आदिवासी है। हमेशा आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली भारत आदिवासी पार्टी के विधायक उसे ब्लैक मेल कर रहे थे। ऐसे में उनका दोहरा चरित्र सामने आ गया है। भाजपा के आदिवासी नेता और डूंगरपुर विधानसभा से प्रत्याशी रहे बंशीलाल कटारा, बिछीवाड़ा से प्रधान देवराम रोत, उमेश भणात समेत कई नेताओं ने बीएपी पर आदिवासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी ने नेता केवल अपने स्वार्थ की राजनीति के लिए आदिवासी समाज का नाम के रहे है। बाकी समाज के विकास को लेकर उनकी कोई सोच ओर विचारधारा नहीं है। पहले बीटीपी बनाई। उस समय कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया, लेकिन विकास के कोई काम नहीं हुए। इसके बाद एक व्यक्ति एक पद का नियम फिर से उम्मीदवार बनने में बाधा बना तो नई पार्टी बना ली ओर बीएपी आ गए। नई पार्टी बनाने के बाद आदिवासियों को ही ठगने का काम कर रहे है।