नव्य, दिव्य और अलौकिक अयोध्या : श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद तीव्र गति से हो रहा सर्वांगीण विकास

Ayodhya Uttar Pradesh News : दिव्य एवं भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में अयोध्या का कायाकल्प अभूतपूर्व गति से हो रहा है। अयोध्या को एक वैश्विक आध्यात्मिक ...

Nov 26, 2025 - 11:40
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नव्य, दिव्य और अलौकिक अयोध्या : श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद तीव्र गति से हो रहा सर्वांगीण विकास

Chief Minister Yogi Adityanath - अयोध्या को एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से अनेक परियोजनाएं हो रहीं संचालित

- नए उद्योगों और व्यवसायों के स्थापित होने से रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़े

- हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक भक्ति पथ का निर्माण हुआ पूरा 

- पर्यटन और विनिर्माण क्षेत्र ने शहर के आर्थिक विकास को दी नई रफ्तार

Ayodhya Uttar Pradesh News : दिव्य एवं भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में अयोध्या का कायाकल्प अभूतपूर्व गति से हो रहा है। अयोध्या को एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से अनेक परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। पर्यटन और विनिर्माण क्षेत्र ने शहर के आर्थिक विकास को नई रफ्तार दी है। नए उद्योगों और व्यवसायों के स्थापित होने से रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़े हैं। अयोध्या में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया गया है।

हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक भक्ति पथ का निर्माण पूरा हो चुका है। सुगम्य अयोध्या के तहत महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे का निर्माण भी पूर्ण हो गया है। सहादतगंज से नयाघाट तक लगभग 13 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क का निर्माण तथा अयोध्या–सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 330 और लता मंगेशकर चौक से गोरखपुर राजमार्ग तक धर्मपथ का चार लेन विस्तार पूरा हो चुका है।

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श्रीराम मंदिर निर्माण के उपरांत अयोध्या में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, हनुमान, गरुण और जटायू नामक छह भव्य प्रवेश द्वार विकसित किए गए हैं। अयोध्या के 11 ब्लॉकों में मियावाकी पद्धति के माध्यम से 55 वैदिक वनों का विकास किया गया है। ‘नव्य अयोध्या’ के अंतर्गत हरित क्षेत्र विस्तार और हाईटेक वेलनेस सिटी के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। लगभग 750 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें 650 करोड़ रुपए भवन निर्माण पर तथा 100 करोड़ रुपए आसपास के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे। यह परियोजना टाटा संस द्वारा CSR पहल के तहत वित्तपोषित की जा रही है। यह संग्रहालय देश की प्रमुख वैष्णव परंपराओं, उनकी मंदिर वास्तुकला, इतिहास और परंपराओं का भव्य प्रतिनिधित्व करेगा।

 

अयोध्या में आवास विकास परिषद द्वारा 550 एकड़ में ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित की जा रही है, जिसे ‘नव्य अयोध्या’ योजना का प्रमुख घटक माना जा रहा है। यह प्रदेश की सर्वाधिक हाईटेक टाउनशिप में से एक होगी। लगभग 218 करोड़ रुपए की लागत से अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और इलेक्ट्रिक डक्ट का निर्माण हो रहा है। करीब 200 एकड़ क्षेत्र को हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा। टाउनशिप में सुपर स्पेशलिटी मेडिकल ज़ोन और हाईटेक प्रौद्योगिकी पार्क के लिए भी भूखंड तैयार किए जा रहे हैं, जो ‘वेलनेस सिटी’ की अवधारणा को मजबूती प्रदान करते हैं।

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अयोध्या में 750 करोड़ रुपए की लागत से म्यूजियम ऑफ टेंपल्स का निर्माण प्रगति पर है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान अयोध्या के लिए 159 एमओयू सम्पन्न हुए हैं। शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। करोड़ों के निवेश के साथ 5-सितारा और 4-सितारा श्रेणी की लगभग 42 होटल श्रृंखलाएं विकसित हो रही हैं।

 

उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति–2022 के अंतर्गत अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी घोषित किया गया है। सरयू नदी के तट पर माझा रामपुर हलवारा और माझा सरायरासी गांवों में 40 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है। लगभग 165 हेक्टेयर सार्वजनिक भूमि 30 वर्ष की लीज पर उपलब्ध कराई गई है। यह संयंत्र अयोध्या की अनुमानित 198 मेगावाट विद्युत आवश्यकता के 10% के बराबर 40 मेगावाट उत्पादन कर रहा है, जो वर्तमान जरूरतों का लगभग 25–30% पूरा करता है।

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दिव्य अयोध्या और मेटावर्स पहल

‘अयोध्या यात्रा’ ऐप लॉन्च किया गया है, जो Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है। इसके माध्यम से श्रीराम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और सरयू घाट का 360-डिग्री वर्चुअल दर्शन संभव है। भक्त घर बैठे पूजा भी करवा सकते हैं। ऐप में मेटावर्स तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे दीपोत्सव जैसे आयोजनों का 3D वर्चुअल अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

 

मियावाकी वैदिक वन

मियावाकी पद्धति से जिले के सभी 11 ब्लॉकों में पांच–पांच स्थलों पर कुल 55 वैदिक वन बनाए गए हैं। पौधों की सुरक्षा हेतु GPS टैगिंग की गई है तथा रखरखाव और सिंचाई का कार्य मनरेगा के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है। Edited By : Chetan Gour अयोध्या