अफगान नागरिक की गोलीबारी में घायल National Guard की एक सदस्य की मौत : Trump

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक द्वारा की गयी गोलीबारी में घायल हुए वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्यों में से एक की मौत हो गयी है। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ काम कर चुके हमलावर को ‘‘क्रूर राक्षस’’ की संज्ञा दी। ‘थैंक्सगिविंग’ के अवसर पर अमेरिकी सैनिकों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें अभी मालूम चला है कि 20 वर्षीय विशेषज्ञ सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई है, जबकि 24 वर्षीय स्टाफ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह (सारा) अब हमारे बीच नहीं हैं… वह आसमान से हमें देख रही हैं।’’ ट्रंप ने इस घटना को ‘‘आतंकी हमला’’ बताया और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की उस नीति की आलोचना की, जिसमें अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान अमेरिकी बलों की मदद करने वाले अफगान नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश दिया गया। ट्रंप ने अपने प्रशासन के सामूहिक निर्वासन प्रयासों में सहायता के लिए नेशनल गार्ड के सदस्यों को देशभर में तैनात किया है। उन्होंने कहा कि हमलावर युद्ध और अफगानिस्तान से निकलने के बाद मानसिक रूप से अस्थिर हो गया होगा। दो सूत्रों ने बताया कि हमलावर की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है, जो सीआईए समर्थित अफगान सेना की विशेष इकाई में काम कर चुका था। अमेरिकी सरजमीं पर नेशनल गार्ड के जवानों पर हमले की यह असाधारण घटना ट्रंप प्रशासन द्वारा अपराध नियंत्रण के नाम पर नेशनल गार्ड की बड़े पैमाने पर तैनाती को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हुई। वर्तमान में लगभग 2,200 सैनिक वाशिंगटन में तैनात हैं। एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोट जानलेवा नहीं है। अफगानिस्तान में लकनवाल के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह खोस्त प्रांत का रहने वाला था और ‘‘जीरो यूनिट’’ नामक सीआईए समर्थित अफगान अर्द्धसैन्य बल में काम कर चुका है। इन इकाइयों ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई और 2021 में अमेरिकी वापसी के दौरान काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसके रिश्तेदार ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि लकनवाल ने 2012 में इस यूनिट में एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम शुरू किया था और बाद में पदोन्नति पाकर ‘टीम लीडर’ और ‘जीपीएस’ विशेषज्ञ बन गया। सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ के अनुसार, अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की निकासी के तुरंत बाद लकनवाल का अमेरिकी सरकार से संबंध समाप्त हो गया था।

Nov 28, 2025 - 13:27
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अफगान नागरिक की गोलीबारी में घायल National Guard की एक सदस्य की मौत : Trump

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक द्वारा की गयी गोलीबारी में घायल हुए वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्यों में से एक की मौत हो गयी है। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ काम कर चुके हमलावर को ‘‘क्रूर राक्षस’’ की संज्ञा दी।

‘थैंक्सगिविंग’ के अवसर पर अमेरिकी सैनिकों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें अभी मालूम चला है कि 20 वर्षीय विशेषज्ञ सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई है, जबकि 24 वर्षीय स्टाफ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह (सारा) अब हमारे बीच नहीं हैं… वह आसमान से हमें देख रही हैं।’’

ट्रंप ने इस घटना को ‘‘आतंकी हमला’’ बताया और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की उस नीति की आलोचना की, जिसमें अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान अमेरिकी बलों की मदद करने वाले अफगान नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश दिया गया। ट्रंप ने अपने प्रशासन के सामूहिक निर्वासन प्रयासों में सहायता के लिए नेशनल गार्ड के सदस्यों को देशभर में तैनात किया है।

उन्होंने कहा कि हमलावर युद्ध और अफगानिस्तान से निकलने के बाद मानसिक रूप से अस्थिर हो गया होगा। दो सूत्रों ने बताया कि हमलावर की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है, जो सीआईए समर्थित अफगान सेना की विशेष इकाई में काम कर चुका था।

अमेरिकी सरजमीं पर नेशनल गार्ड के जवानों पर हमले की यह असाधारण घटना ट्रंप प्रशासन द्वारा अपराध नियंत्रण के नाम पर नेशनल गार्ड की बड़े पैमाने पर तैनाती को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हुई। वर्तमान में लगभग 2,200 सैनिक वाशिंगटन में तैनात हैं।

एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोट जानलेवा नहीं है। अफगानिस्तान में लकनवाल के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह खोस्त प्रांत का रहने वाला था और ‘‘जीरो यूनिट’’ नामक सीआईए समर्थित अफगान अर्द्धसैन्य बल में काम कर चुका है।

इन इकाइयों ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई और 2021 में अमेरिकी वापसी के दौरान काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसके रिश्तेदार ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि लकनवाल ने 2012 में इस यूनिट में एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम शुरू किया था और बाद में पदोन्नति पाकर ‘टीम लीडर’ और ‘जीपीएस’ विशेषज्ञ बन गया। सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ के अनुसार, अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की निकासी के तुरंत बाद लकनवाल का अमेरिकी सरकार से संबंध समाप्त हो गया था।