योगी सरकार में स्वरोजगार को मिला प्रश्रय, युवा रख रहे औद्योगिक क्रांति की नींव

Chief Minister Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार युवाओं को कौशल, पूंजी और बाजार से जोड़कर राज्य में सूक्ष्म व परंपरागत उद्योगों की नई क्रांति खड़ी कर रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM-YUVA) के तहत वित्तीय वर्ष ...

Nov 17, 2025 - 21:10
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योगी सरकार में स्वरोजगार को मिला प्रश्रय, युवा रख रहे औद्योगिक क्रांति की नींव

Chief Minister Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार युवाओं को कौशल, पूंजी और बाजार से जोड़कर राज्य में सूक्ष्म व परंपरागत उद्योगों की नई क्रांति खड़ी कर रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (CM-YUVA) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.70 लाख युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि हर वर्ष 1 लाख से अधिक नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है। योगी सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य युवा, महिला और पारंपरिक हस्तशिल्प सभी को एक साझा आर्थिक विकास मॉडल से जोड़ना है। इस व्यापक दृष्टि ने स्वरोजगार, उद्यमिता और रोजगार सृजन की दिशा में प्रदेश में नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है।

 

युवा उद्यमिता को नई दिशा दे रही सीएम युवा योजना : सीएम युवा योजना के तहत प्रदेश के 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को 5 लाख रुपये तक के उद्योगों और सेवा परियोजनाओं पर 100 प्रतिशत ब्याज-मुक्त तथा बिना गारंटी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही, परियोजना लागत पर 10 प्रतिशत मार्जिन मनी का अनुदान भी दिया जा रहा है। न्यूनतम 8वीं पास और किसी मान्यता प्राप्त संस्था से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवा इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं। प्रशिक्षण के बाद इनमें से अनेक युवा न सिर्फ खुद उद्यमी बन रहे हैं, बल्कि अन्य युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार दे रहे हैं। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उद्योग आधारित आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नए आयाम दे रही है।

 

पारंपरिक कलाओं को मिली संजीवनी : योगी सरकार ने ओडीओपी योजना के जरिए पारंपरिक हस्तकला एवं हस्तशिल्प को नया जीवन दिया है, जो 2017 से पहले समाप्ति के कगार पर थे। प्रदेश का शजर उद्योग इसका सबसे सशक्त उदाहरण है। देश में केवल केन नदी की रेत में मिलने वाला यह कीमती शजर पत्थर कभी मात्र कुछ हस्तशिल्प परिवारों की आजीविका का सहारा था। लेकिन सरकार ने इसे ओडीओपी से जोड़कर न सिर्फ इसका बाजारीकरण किया, बल्कि इसे जीआई टैग भी दिलाया। नतीजा यह रहा कि शजर उद्योग से जुड़े परिवारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।

 

यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि सरकारी सहयोग, प्रशिक्षण और वित्तीय मदद कैसे किसी विलुप्तप्राय उद्योग को दोबारा जीवित कर सकती है। चाहें विश्वकर्मा श्रम सम्मान हो या टूलकिट वितरण हो, इन कार्यक्रमों के जरिए प्रदेश में कारीगरों को कुशल बनाकर उनकी आर्थिक उन्नति सुनिश्चित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि शजर उद्योग के साथ ही प्रदेश भर में ओडीओपी के माध्यम से महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और युवाओं को नए बाजार, प्रशिक्षण और डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं। इससे हजारों महिलाओं को स्वरोजगार मिला है और वे अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में सक्षम हुईं हैं। महिला स्वावलंबन, परंपरागत कारीगरी और आधुनिक विपणन का यह संगम अब उत्तर प्रदेश की नई आर्थिक पहचान बनता जा रहा है।

जम्बूरी में दिखेगी बुंदेली संस्कृति की झलक : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत स्काउट और गाइड की 19 वीं राष्ट्रीय में झांसी और बुंदेलखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेगी। इस विशेष आयोजन में झांसी के स्काउट एंड गाइड, टीम लीडर, जिला संगठन आयुक्त स्काउट, जिला संगठन आयुक्त गाइड हिस्सा लेंगे। इस आयोजन में सेवा कार्य के लिए झांसी से रोवर और रेंजर भी हिस्सा लेंगे। योगी सरकार आयोजन की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में जुटी है।

 

झांसी जिले से 45 स्काउट एंड गाइड, 6 टीम लीडर, जिला संगठन आयुक्त स्काउट प्रभात पवार और जिला संगठन आयुक्त गाइड रश्मि अली टीम के रूप में प्रतिभाग करेंगे। इनके अलावा झांसी के 12 रोवर और रेंजर सेवा कार्यों के लिए इस विशेष आयोजन में हिस्सा लेंगे। 

 

झांसी जिले के प्रतिभागी शारीरिक प्रदर्शन के अंतर्गत योग, मल्लखंब, लेजम आदि के प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बुंदेलखंड की प्रसिद्ध लोकनृत्य राई के प्रदर्शन के लिए भी प्रतिभागी तैयारी कर रहे हैं। बुंदेलखंड के हस्तशिल्प और यहां के खानपान को भी कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा भी कार्यक्रम में प्रदर्शित की जाएगी।

Edited by: Vrijendra Singh Jhala