सनातन धर्म में बरगद के पेड़ को पूजनीय और पवित्र माना गया है। इस वृक्ष को अक्षय वट माना गया है जो कभी नष्ट न हो। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद के वृक्ष में त्रिदेव यानी के ब्रह्मा जड़ में, भगवान विष्णु छल में और भगवान शिव शाखाओं में वास करते हैं। इसी वजह से इस वृक्ष को पूजनीय माना जाता है। माना जाता है कि रोजाना पूजा करना और प्रतिदिन जल को अर्पित करना त्रिदेवों का एक साथ आशीर्वाद प्राप्त करने में समान होता है। कई सालों से परंपरा चली आ रही है, जैसे कि वट सावित्री व्रत रखना। महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। आइए इस लेख में आपको बताते हैं रोजाना बरगद के पेड़ को जल अर्पित करने से क्या होता है।
बरगद के पेड़ में जल चढ़ाने के लाभ
- बरगद के पेड़ का संबंध राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों से भी माना जाता है। बरगद के पेड़ को नियमित रुप से जल चढ़ाने से कुंडली में इन ग्रहों के कारण होने वाले अशुभ दोष शांत होते हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं कम होती हैं।
- न्यायप्रिय देवता शनिदेव लंबे समय तक फल देने वाला ग्रह है, जो जीवन में काफी देरी देता है। बरगद का पेड़ लंबी आयु और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। बरगद में जल चढ़ाने से शनि दोष की पीड़ा कम करते हैं और आपके कार्यों में स्थिरता मिलती है।
- बरगद का पेड़ पितरों से जोड़ा होता है। रोजाना बरगद के पेड़ को अर्पित करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृदोष भी शांत होता है। पितृदोष के कारण अक्सर धन, संतान या विवाह में रुकावट आ रही है, तो आपको बरगद के पेड़ जल जरुर देना चाहिए।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ की पूजा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बरगद का वृक्ष जीवन में स्थायित्व और दीर्घायु का प्रतीक है, इसलिए जल देने से धन-संपत्ति में स्थिरता आती है और बार-बार होने वाले आर्थिक उतार-चढ़ाव कम होते हैं।
- प्रतिदिन जल चढ़ाने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक आरोग्य प्राप्त होता है। ऐसा करने से मन को शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।