अमेरिका की आर्थिक नीतियों को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंता जताई गई है। इस बार चेतावनी जेपीमॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डाइमोन की ओर से आई है, जिन्होंने साफ कहा कि अगर अमेरिका ने तत्काल अपनी एंटी-बिजनेस नीतियों पर लगाम नहीं लगाई, तो देश की अर्थव्यवस्था यूरोप जैसी सुस्ती की ओर बढ़ सकती है।
मौजूद जानकारी के अनुसार वे मियामी में आयोजित अमेरिकन बिजनेस फोरम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने कंपनियों पर बढ़ती रेगुलेशन, ऊंचे टैक्स और बड़े शहरों में प्रतिकूल माहौल को अमेरिकी विकास के लिए खतरा बताया है।
बता दें कि जेमी डाइमोन लंबे समय से ऐसी नीतियों के खिलाफ हैं, जो व्यवसायों को शहरों और राज्यों से बाहर जाने पर मजबूर करती हैं। उनका कहना है कि देशों, राज्यों और शहरों के बीच निवेश के लिए मुकाबला लगातार बढ़ रहा है और ऐसे में जो भी क्षेत्र बिजनेस के लिए मुश्किल माहौल तैयार करेगा, वहां अंततः आर्थिक नुकसान होना तय है।
गौरतलब है कि उन्होंने यूरोप के घटते जीडीपी को उदाहरण के रूप में पेश करते हुए कहा कि “अगर सरकारें नियमों और टैक्स के बोझ से बिजनेस को भगाती रहेंगी, तो यही हाल अमेरिका का भी हो सकता है” हैं।
उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की है जब न्यूयॉर्क के नवनिर्वाचित मेयर ज़ोहरान ममदानी अपने प्रगतिशील एजेंडे जैसे अमीरों पर ज्यादा टैक्स, मुफ्त बस सेवा और मुफ्त चाइल्डकेयर को लागू करने की तैयारी में हैं। हालांकि डाइमोन ने किसी का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके वक्तव्य को मेयर-इलेक्ट ममदानी की नीतियों पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी माना जा रहा है। उनका कहना था कि “बिजनेस-विरोधी रवैया आम अमेरिकियों, खासकर कम आय वाले लोगों के लिए कभी फायदेमंद साबित नहीं होगा” हैं।
जेमी डाइमोन का मानना है कि जिन शहरों और राज्यों में टैक्स और नियमों का बोझ बढ़ता जाएगा, वहां से कंपनियां फ्लोरिडा और टेक्सास जैसे बिजनेस-फ्रेंडली राज्यों की ओर पलायन करेंगी। उन्होंने चेताया कि ऐसी नीतियां अंततः उन्हीं शहरों के टैक्स बेस को कमजोर करेंगी, जिसके बाद सार्वजनिक सेवाओं और विकास योजनाओं पर भी असर पड़ेगा हैं।
उन्होंने डेमोक्रेट-शासित शहरों को सलाह दी कि वे अत्यधिक नियमों—जिसे उन्होंने “ब्लू टेप” कहा को कम करें, ताकि आर्थिक गतिविधियां धीमी न पड़ें। डाइमोन ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने मेयर-इलेक्ट को एक वॉइसमेल छोड़कर सुझाव दिया कि वे डेट्रॉइट के मेयर माइक डुग्गन से सीख लें, जिन्होंने बिजनेस साझेदारी के सहारे दिवालिया हो चुके शहर को फिर से खड़ा किया था। जेपीमॉर्गन की ओर से भी बयान आया कि डाइमोन केवल यह दोहरा रहे हैं कि सरकार, उद्योग जगत और सामुदायिक संस्थाओं को मिलकर “उचित नीति” बनानी चाहिए हैं।