Sheikh Hasina : क्या शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपेगा भारत, मौत की सजा पर विदेश मंत्रालय का बयान
Sheikh Hasinas death sentence News : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा ए मौत देने के फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। शेख हसीना को ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हत्या के लिए उकसाने और हत्या का ...
Sheikh Hasinas death sentence News : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा ए मौत देने के फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। शेख हसीना को ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने के लिए मौत की सजा दी। बाकी मामलों में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। ICT ने उन्हें 5 मामलों में आरोपी बनाया था।
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बयान में कहा गया है कि भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में "बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण" द्वारा सुनाए गए फैसले पर ध्यान दिया है। एक निकट पड़ोसी होने के नाते, भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों, जिसमें उनके देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है, के लिए प्रतिबद्ध है। हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे। बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया है।
दोनों को पिछले साल एक छात्र विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की तरफ से कहा गया कि प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत ऐसा करने के लिए बाध्य है। पिछले साल हिंसक छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद भागी शेख हसीना तब से भारत में है।Our statement regarding the recent verdict in Bangladesh⬇️
???? https://t.co/jAgre4dNMn pic.twitter.com/xSnshW6AzZ — Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 17, 2025
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5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान ने देश छोड़ दिया था। दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं। बांग्लादेश के पीएम ऑफिस ने बयान जारी कर कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, उसके मुताबिक यह भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूर्व बांग्लादेशी पीएम को हमारे हवाले करे।
बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के साथ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पतन शुरू हुआ और उन्हें 5 अगस्त को देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई, जिसके तहत अंततः सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बांग्लादेश) ने उन्हें दोषी ठहराया और उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई। Edited by : Sudhir Sharma



