रात के अंधेरे में छुपकर युनूस छोड़ने वाले हैं देश? बांग्लादेश में GEN Z फिर क्या तख्तापलट कर देंगे

बांग्लादेश एक बार फिर से आंदोलन की राह पर बढ़ता दिख रहा है और इस आंदोलन के दो बड़े कारण हैं। पहला शेख हसीना पर बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला और दूसरा बड़ा कारण यूनुस के कट्टरपंथी निर्णय हैं। जिसके बाद चर्चा तेज है कि क्या बांग्लादेश में जेन-जेड फिर से तख्तापलट करने वाले हैं? क्या बांग्लादेश में भागने वाले हैं कठपुतली मोहम्मद यूनुस? क्या दिल्ली से ही शेख हसीना ने ढाका में खेल कर दिया? दरअसल यूनुस सरकार ने इस्लामिक समूहों के दबाव में आकर स्कूलों से संगीत यानी कि म्यूजिक और पीटी टीचर्स के पद को ही खत्म कर दिया। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मोहम्मद यूनुस के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन शुरू हुआ। बांग्लादेश में एक बार फिर से छात्र विद्रोह यानी जजी विद्रोह की शुरुआत हो गई है। यूनुस सरकार की तरफ से म्यूजिक और पीटी टीचर्स के पदों को जब रद्द किया गया इसके बाद आक्रोश फैल गया है। छात्रों का कहना है कि बांग्लादेश की सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। लोग मशाल लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने लगे।इसे भी पढ़ें: यूनुस-हसीना की भयंकर भिड़त, सड़कों पर लोग, जल उठा बांग्लादेश!ढाका के कई इलाकों में विस्फोट हुए, झड़प हुई, लॉकडाउन तक की खबरें सामने आई। इससे बांग्लादेश में अशांति का माहौल एक बार फिर से गहरा रहा है। कट्टरपंथी समूहों के दबाव में अगर मोहम्मद यूनुस आ रहे हैं तो यह जंजीर को बात हजम नहीं हो रही है। और इस बढ़ते आक्रोश के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यूनुस पर लोकतंत्र कुचलने और अपनी सरकार में कट्टरपंथियों का मुख बखौटा बनने का आरोप लगाया। हसीना के मुताबिक मौजूदा अंतरिम प्रशासन, सांप्रदायिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी शक्तियों के प्रभाव में है। जो कट्टरपंथी सोच है उनके प्रभाव में है। जिन्होंने सरकार में घुसपैठ कर ली है।इसे भी पढ़ें: शेख हसीना पर आने वाला है सबसे बड़ा फैसला, इस बीच बेटे के बयान ने पूरा बांग्लादेश हिलाया! छात्रों ने हसीना की सत्तावादी नीति और जवाबदेही की कमी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया और उसके बाद शेख हसीना की सरकार गई वहां और यूनुस को अंतरिम मुख्य सलाहकार बनाए जाने का रास्ता तब साफ हुआ। तो उस समय पश्चिमी देशों और बांग्लादेशी सिविल सोसाइटी के कई हिस्सों ने इस कदम का स्वागत किया था। लेकिन अब स्थितियां, परिस्थितियां बिल्कुल पलट गई हैं। जैसे-जैसे ढाका और देश के बाकी हिस्सों में विरोध की लपटें फैल रही हैं। वही युवा वर्ग जो कभी बदलाव के लिए हसीना के खिलाफ था, अब यूनुस की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर मशाल लेकर उतर पड़ा है।बम धमाकों से दहशतबांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध मामले में सोमवार को सजा सुनाई जाने वाली है। फैसले से पहले ढाका में तनाव और बढ़ गया है। रविवार को राजधानी में कई जगहों पर देसी बम (क्रूड बम) विस्फोट होने की सूचना मिली। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इन धमाकों ने पहले से अस्थिर माहौल को और बेचैन कर दिया है। हसीना पर 2024 के मध्य में छात्र प्रदर्शनों पर कथित रूप से कठोर कार्रवाई का आदेश देने के आरोप में मुकदमा चल रहा है। उन्हें अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से भारत में रह रही बताया जाता है। वे सभी आरोपों से इनकार करती हैं।

Nov 17, 2025 - 21:08
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रात के अंधेरे में छुपकर युनूस छोड़ने वाले हैं देश? बांग्लादेश में GEN Z फिर क्या तख्तापलट कर देंगे

बांग्लादेश एक बार फिर से आंदोलन की राह पर बढ़ता दिख रहा है और इस आंदोलन के दो बड़े कारण हैं। पहला शेख हसीना पर बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला और दूसरा बड़ा कारण यूनुस के कट्टरपंथी निर्णय हैं। जिसके बाद चर्चा तेज है कि क्या बांग्लादेश में जेन-जेड फिर से तख्तापलट करने वाले हैं? क्या बांग्लादेश में भागने वाले हैं कठपुतली मोहम्मद यूनुस? क्या दिल्ली से ही शेख हसीना ने ढाका में खेल कर दिया? दरअसल यूनुस सरकार ने इस्लामिक समूहों के दबाव में आकर स्कूलों से संगीत यानी कि म्यूजिक और पीटी टीचर्स के पद को ही खत्म कर दिया। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मोहम्मद यूनुस के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन शुरू हुआ। बांग्लादेश में एक बार फिर से छात्र विद्रोह यानी जजी विद्रोह की शुरुआत हो गई है। यूनुस सरकार की तरफ से म्यूजिक और पीटी टीचर्स के पदों को जब रद्द किया गया इसके बाद आक्रोश फैल गया है। छात्रों का कहना है कि बांग्लादेश की सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। लोग मशाल लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने लगे।

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ढाका के कई इलाकों में विस्फोट हुए, झड़प हुई, लॉकडाउन तक की खबरें सामने आई। इससे बांग्लादेश में अशांति का माहौल एक बार फिर से गहरा रहा है। कट्टरपंथी समूहों के दबाव में अगर मोहम्मद यूनुस आ रहे हैं तो यह जंजीर को बात हजम नहीं हो रही है। और इस बढ़ते आक्रोश के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यूनुस पर लोकतंत्र कुचलने और अपनी सरकार में कट्टरपंथियों का मुख बखौटा बनने का आरोप लगाया। हसीना के मुताबिक मौजूदा अंतरिम प्रशासन, सांप्रदायिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी शक्तियों के प्रभाव में है। जो कट्टरपंथी सोच है उनके प्रभाव में है। जिन्होंने सरकार में घुसपैठ कर ली है।

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छात्रों ने हसीना की सत्तावादी नीति और जवाबदेही की कमी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया और उसके बाद शेख हसीना की सरकार गई वहां और यूनुस को अंतरिम मुख्य सलाहकार बनाए जाने का रास्ता तब साफ हुआ। तो उस समय पश्चिमी देशों और बांग्लादेशी सिविल सोसाइटी के कई हिस्सों ने इस कदम का स्वागत किया था। लेकिन अब स्थितियां, परिस्थितियां बिल्कुल पलट गई हैं। जैसे-जैसे ढाका और देश के बाकी हिस्सों में विरोध की लपटें फैल रही हैं। वही युवा वर्ग जो कभी बदलाव के लिए हसीना के खिलाफ था, अब यूनुस की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर मशाल लेकर उतर पड़ा है।

बम धमाकों से दहशत

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध मामले में सोमवार को सजा सुनाई जाने वाली है। फैसले से पहले ढाका में तनाव और बढ़ गया है। रविवार को राजधानी में कई जगहों पर देसी बम (क्रूड बम) विस्फोट होने की सूचना मिली। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इन धमाकों ने पहले से अस्थिर माहौल को और बेचैन कर दिया है। हसीना पर 2024 के मध्य में छात्र प्रदर्शनों पर कथित रूप से कठोर कार्रवाई का आदेश देने के आरोप में मुकदमा चल रहा है। उन्हें अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से भारत में रह रही बताया जाता है। वे सभी आरोपों से इनकार करती हैं।