हनुमानगढ़ में बारिश से फसलों को नुकसान की आशंका:नरमा, बाजरा, मूंग और मोठ की फसलें भीगीं, तापमान गिरावट दर्ज
हनुमानगढ़ में रविवार दोपहर से शुरू हुई बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही। मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में गलियों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे नागरिकों को आवाजाही में कठिनाई का सामना करना पड़ा। मौसम में अचानक आए बदलाव से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और ठंड का एहसास बढ़ गया है। बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस समय नरमा की चुगाई और बाजरा, मूंग तथा मोठ की कटाई का कार्य चल रहा है। कटाई के बाद खेतों में रखी गई बाजरा, मूंग और मोठ की फसलें बारिश में भीग गईं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से नरमा और धान की फसलें जमीन पर बिछ गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान का डर है। फसलों में नुकसान की आशंका बढ़ी स्थानीय किसानों का कहना है कि यदि इस समय और बारिश होती है तो फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है। नरमा चुगाई का कार्य भी मौसम की वजह से बाधित हुआ है। रविवार को जिले के कुछ हिस्सों में बारिश के साथ ओले भी गिरे थे। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बीकानेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान में भैंसरोडगढ़ और चित्तौड़गढ़ में सर्वाधिक 100 एमएम, जबकि पश्चिमी राजस्थान के रावतसर और हनुमानगढ़ में 67 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। आगामी दिनों के मौसम का अनुमान बताते हुए मौसम विभाग ने कहा कि सात अक्टूबर को जोधपुर और बीकानेर संभाग में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी, जबकि जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश जारी रह सकती है। आठ अक्टूबर से राज्य के अधिकांश भागों में बारिश कम होने की संभावना है और अगले एक सप्ताह तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की उम्मीद है। बारिश के प्रभाव से आने वाले दिनों में हनुमानगढ़ सहित प्रभावित इलाकों में तापमान में 3-5 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है, जिससे ठंड का एहसास और बढ़ सकता है।
हनुमानगढ़ में रविवार दोपहर से शुरू हुई बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही। मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में गलियों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे नागरिकों को आवाजाही में कठिनाई का सामना करना पड़ा। मौसम में अचानक आए बदलाव से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और ठंड का एहसास बढ़ गया है। बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस समय नरमा की चुगाई और बाजरा, मूंग तथा मोठ की कटाई का कार्य चल रहा है। कटाई के बाद खेतों में रखी गई बाजरा, मूंग और मोठ की फसलें बारिश में भीग गईं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से नरमा और धान की फसलें जमीन पर बिछ गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान का डर है। फसलों में नुकसान की आशंका बढ़ी स्थानीय किसानों का कहना है कि यदि इस समय और बारिश होती है तो फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है। नरमा चुगाई का कार्य भी मौसम की वजह से बाधित हुआ है। रविवार को जिले के कुछ हिस्सों में बारिश के साथ ओले भी गिरे थे। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बीकानेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान में भैंसरोडगढ़ और चित्तौड़गढ़ में सर्वाधिक 100 एमएम, जबकि पश्चिमी राजस्थान के रावतसर और हनुमानगढ़ में 67 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। आगामी दिनों के मौसम का अनुमान बताते हुए मौसम विभाग ने कहा कि सात अक्टूबर को जोधपुर और बीकानेर संभाग में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी, जबकि जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश जारी रह सकती है। आठ अक्टूबर से राज्य के अधिकांश भागों में बारिश कम होने की संभावना है और अगले एक सप्ताह तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की उम्मीद है। बारिश के प्रभाव से आने वाले दिनों में हनुमानगढ़ सहित प्रभावित इलाकों में तापमान में 3-5 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है, जिससे ठंड का एहसास और बढ़ सकता है।