सवाईमाधोपुर के रामलीला और दशहरा मैदान में हुआ रावण दहन:कृषि मंत्री बोले, सोचा कि कहीं बारिश में ना बह जाए रावण
विजयादशमी के पावन पर्व पर सवाई माधोपुर शहर रामलीला मैदान और हाउसिंग बोर्ड स्थित दशहरा मैदान में भव्य रावण दहन महोत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, विशिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति जयप्रकाश सामरिया रहे। यहां कार्यक्रम से पहले श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई। धूं-धूं कर जले पुतले हाउसिंग बोर्ड स्थित दशहरा मैदान में जैसे ही अग्निबाण छोड़ा गया तो थोड़ी देर में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के 40 फिट ऊंचे पुतले धधकते हुए जलने लगे। पहले मेघनाथ झुका, फिर कुंभकरण का विशाल शरीर धरती पर गिरा और अंत में रावण की आँखों से जैसे चिंगारियाँ निकलती हुई दिखाई दीं। उसका मुकुट और सिर लपटों में झुलसकर नीचे गिरते ही मैदान “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों से गूँज उठा। यहां के बाद नगर रामलीला मंडल शहर सवाई माधोपुर की ओर से रावण दहन किया गया। यहां मुख्य अतिथि कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, विशिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति जयप्रकाश सामरिया की उपस्थिति में 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया। यहां इससे पहले राम रावण युद्ध की लीला का मंचन किया। रावण दहन के दौरान यहां पर जमकर आतिशबाजी भी की गई। कृषि मंत्री बोले, सोचा था कि बारिश में ना बह जाए रावण शहर रामलीला मैदान में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि जब वह जयपुर से चले तो बारिश का अंदेशा था, ऐसे में मुझे लगा कि कहीं रावण पानी में नहीं बह जाए, लेकिन गनीमत रही कि ऐसा नहीं हुआ। इस कृषि मंत्री ने सभी को विजयादशमी के पर्व की शुभकामनाएं दी और शहर व मानटाउन रामलीला मंडल के लिए सहयोग राशि 3-3 लाख से बढ़ाकर 4-4 लाख रुपए करने की घोषणा की। जिस पर नगर रामलीला मंडल शहर सवाई माधोपुर की ओर से कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा का आभार व्यक्त किया है। सवाई माधोपुर में रावण दहन की झलकियां....
विजयादशमी के पावन पर्व पर सवाई माधोपुर शहर रामलीला मैदान और हाउसिंग बोर्ड स्थित दशहरा मैदान में भव्य रावण दहन महोत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, विशिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति जयप्रकाश सामरिया रहे। यहां कार्यक्रम से पहले श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई। धूं-धूं कर जले पुतले हाउसिंग बोर्ड स्थित दशहरा मैदान में जैसे ही अग्निबाण छोड़ा गया तो थोड़ी देर में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के 40 फिट ऊंचे पुतले धधकते हुए जलने लगे। पहले मेघनाथ झुका, फिर कुंभकरण का विशाल शरीर धरती पर गिरा और अंत में रावण की आँखों से जैसे चिंगारियाँ निकलती हुई दिखाई दीं। उसका मुकुट और सिर लपटों में झुलसकर नीचे गिरते ही मैदान “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों से गूँज उठा। यहां के बाद नगर रामलीला मंडल शहर सवाई माधोपुर की ओर से रावण दहन किया गया। यहां मुख्य अतिथि कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, विशिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति जयप्रकाश सामरिया की उपस्थिति में 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया। यहां इससे पहले राम रावण युद्ध की लीला का मंचन किया। रावण दहन के दौरान यहां पर जमकर आतिशबाजी भी की गई। कृषि मंत्री बोले, सोचा था कि बारिश में ना बह जाए रावण शहर रामलीला मैदान में कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि जब वह जयपुर से चले तो बारिश का अंदेशा था, ऐसे में मुझे लगा कि कहीं रावण पानी में नहीं बह जाए, लेकिन गनीमत रही कि ऐसा नहीं हुआ। इस कृषि मंत्री ने सभी को विजयादशमी के पर्व की शुभकामनाएं दी और शहर व मानटाउन रामलीला मंडल के लिए सहयोग राशि 3-3 लाख से बढ़ाकर 4-4 लाख रुपए करने की घोषणा की। जिस पर नगर रामलीला मंडल शहर सवाई माधोपुर की ओर से कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा का आभार व्यक्त किया है। सवाई माधोपुर में रावण दहन की झलकियां....