4 साल बाद फिर सरकार जम्मू से चलेगी:6 लाख कर्मचारी श्रीनगर से शिफ्ट होंगे; 3 नवंबर से काम शुरू करेंगे, 6 महीने रहेंगे

जम्मू-कश्मीर में ‘दरबार मूव’ की 150 साल पुरानी परंपरा 4 साल बंद रहने के बाद इस बार फिर लौटी है। शुक्रवार को सरकारी दफ्तर बंद होने के बाद सामान और कर्मचारियों के श्रीनगर से जम्मू रवाना होने का सिलसिला शुरू हो गया। सरकारी कार्यालय 3 नवंबर से जम्मू में काम शुरू करेंगे और 6 महीने वहीं रहेंगे। सीएम सचिवालय और सिविल सचिवालय के सभी अन्य विभागों सहित कुल 39 कार्यालय पूरी तरह जम्मू भेजे जाएंगे, 47 विभाग कैंप के रूप में भेजे जाएंगे। जो विभाग कैंप के तौर पर जाएंगे, वे अपने कुल कर्मचारियों के 33% या 10 अधिकारियों (जो भी कम हों) के साथ काम करेंगे। गर्मी शुरू होते ही ये दफ्तर फिर कश्मीर लौट आएंगे। यह परंपरा 2021 में उपराज्यपाल ने रोक दी थी, लेकिन अब सीएम उमर अब्दुल्ला ने इसे फिर शुरू किया है। इसके साथ करीब 6 लाख कश्मीरी जम्मू जाएंगे, जिससे जम्मू की सर्दियों की अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती मिलेगी। कारोबारी बोले- जम्मू लौटी सर्दियों की धड़कन दो दिन ट्रैफिक बंद रहेगा दरबार मूव के चलते 1 और 2 नवंबर को जम्मू से श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि इन दो दिनों में सिर्फ छोटे वाहन दोनों ओर से चल सकेंगे। वहीं, श्रीनगर से जम्मू की ओर सरकारी रिकॉर्ड और कर्मचारियों के वाहनों को नियंत्रित तरीके से जाने की अनुमति होगी। जानिए क्या है दरबार मूव जम्मू-कश्मीर की ये परंपरा 150 साल पुरानी है। इसे 1872 में डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह ने शुरू किया था। उस वक्त घाटी की सर्दियां बहुत कठोर होती थीं, इसलिए शासन को ठंड में श्रीनगर से जम्मू और गर्मियों में वापस जम्मू से श्रीनगर ले जाया जाता था। इस व्यवस्था के तहत हर साल सरकारी दफ्तर, फाइलें, कंप्यूटर और करीब 10 हजार कर्मचारी एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते हैं। पूरा सामान सैकड़ों ट्रकों में भरकर लगभग 300 किलोमीटर दूर भेजा जाता है। दरबार मूव सिर्फ राजधानी बदलने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि जम्मू और कश्मीर के बीच जुड़ाव की परंपरा है। यह दोनों क्षेत्रों के लोगों, कारोबार और संस्कृति को जोड़ने का प्रतीक मानी जाती है।

Nov 2, 2025 - 12:13
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4 साल बाद फिर सरकार जम्मू से चलेगी:6 लाख कर्मचारी श्रीनगर से शिफ्ट होंगे; 3 नवंबर से काम शुरू करेंगे, 6 महीने रहेंगे
जम्मू-कश्मीर में ‘दरबार मूव’ की 150 साल पुरानी परंपरा 4 साल बंद रहने के बाद इस बार फिर लौटी है। शुक्रवार को सरकारी दफ्तर बंद होने के बाद सामान और कर्मचारियों के श्रीनगर से जम्मू रवाना होने का सिलसिला शुरू हो गया। सरकारी कार्यालय 3 नवंबर से जम्मू में काम शुरू करेंगे और 6 महीने वहीं रहेंगे। सीएम सचिवालय और सिविल सचिवालय के सभी अन्य विभागों सहित कुल 39 कार्यालय पूरी तरह जम्मू भेजे जाएंगे, 47 विभाग कैंप के रूप में भेजे जाएंगे। जो विभाग कैंप के तौर पर जाएंगे, वे अपने कुल कर्मचारियों के 33% या 10 अधिकारियों (जो भी कम हों) के साथ काम करेंगे। गर्मी शुरू होते ही ये दफ्तर फिर कश्मीर लौट आएंगे। यह परंपरा 2021 में उपराज्यपाल ने रोक दी थी, लेकिन अब सीएम उमर अब्दुल्ला ने इसे फिर शुरू किया है। इसके साथ करीब 6 लाख कश्मीरी जम्मू जाएंगे, जिससे जम्मू की सर्दियों की अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती मिलेगी। कारोबारी बोले- जम्मू लौटी सर्दियों की धड़कन दो दिन ट्रैफिक बंद रहेगा दरबार मूव के चलते 1 और 2 नवंबर को जम्मू से श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि इन दो दिनों में सिर्फ छोटे वाहन दोनों ओर से चल सकेंगे। वहीं, श्रीनगर से जम्मू की ओर सरकारी रिकॉर्ड और कर्मचारियों के वाहनों को नियंत्रित तरीके से जाने की अनुमति होगी। जानिए क्या है दरबार मूव जम्मू-कश्मीर की ये परंपरा 150 साल पुरानी है। इसे 1872 में डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह ने शुरू किया था। उस वक्त घाटी की सर्दियां बहुत कठोर होती थीं, इसलिए शासन को ठंड में श्रीनगर से जम्मू और गर्मियों में वापस जम्मू से श्रीनगर ले जाया जाता था। इस व्यवस्था के तहत हर साल सरकारी दफ्तर, फाइलें, कंप्यूटर और करीब 10 हजार कर्मचारी एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते हैं। पूरा सामान सैकड़ों ट्रकों में भरकर लगभग 300 किलोमीटर दूर भेजा जाता है। दरबार मूव सिर्फ राजधानी बदलने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि जम्मू और कश्मीर के बीच जुड़ाव की परंपरा है। यह दोनों क्षेत्रों के लोगों, कारोबार और संस्कृति को जोड़ने का प्रतीक मानी जाती है।