मुंबई में ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए एक बड़ी योजना सरकार ने तैयार की है। हाजी अली स्थित कोस्टल रोड के एंट्री/एग्जिट प्वाइंट को परेल की ओर जाने वाले सेनापति बापट मार्ग से जोड़ने के लिए एक 1.5 किलोमीटर लंबा और छह लेन वाला एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद के साथ, इस परियोजना की अनुमानित लागत 250 से 300 करोड़ रुपये के बीच है। यह नया ब्रिज मायानगरी की पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। खास बात यह है कि इस रोड को बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण भी नहीं करना होगा। साथ ही इसको बनाने के लिए ट्रैफिक भी डिस्टर्ब नहीं होगा।
चालू यातायात बाधित नहीं होगा
चूँकि इसके लिए किसी भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं है, इसलिए निर्माण कार्य बिना किसी चालू यातायात व्यवधान के सुचारू रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद है। इसे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। इस सिग्नल-मुक्त एलिवेटेड रोड से दैनिक यात्रा तेज़, सुरक्षित और अधिक कुशल होने की उम्मीद है।
प्रमुख क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा
प्रस्तावित पुल महालक्ष्मी रेस कोर्स के किनारे बनाया जाएगा। यह एनएससीआई डोम के पास से गुज़रेगा और डॉ. ई. मोसेस रोड के पास सेनापति बापट मार्ग के अंत में समाप्त होगा। यात्री एनएम जोशी मार्ग, गोखले रोड, लेडी जमशेद रोड और भवानी शंकर रोड जैसी महत्वपूर्ण सड़कों तक पहुँच सकेंगे, जिससे सिद्धिविनायक मंदिर, लोअर परेल शिवाजी पार्क और माहिम जैसे स्थानों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह पुल माहिम, माटुंगा, दादर और परेल सहित मुंबई के घनी आबादी वाले इलाकों से आने वाले यात्रियों के लिए हाजी अली जंक्शन पर तटीय सड़क तक पहुँचने में बेहद फायदेमंद होगा। इससे यात्रा कुछ ही मिनटों में पूरी होने की उम्मीद है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, परेल और हाजी अली के बीच की दूरी तय करने में केवल 10 मिनट लगेंगे।