निगम पार्षदों का कार्यकाल आज खत्म:22 समितियां भंग हुई, अब अधिकारी देखेंगे समितियों के काम
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण के वर्तमान पार्षदों के कार्यकाल के साथ ही रविवार को खत्म हो रहा है। हालांकि सरकार ने महापौर के निर्वाचन से बोर्ड का कार्यकाल मानते हुए बोर्ड भंग होने पर संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त कर निगम की कमान संभलाई है। ऐसे में नौ नवंबर से प्रशासक निगम का काम देखेंगे। लेकिन पार्षदों का कार्यकाल रविवार को खत्म हो रहा है ऐसे में निगम की सभी 22 समितियां भी भंग हो गई। अब समितियों का कामकाज भी निगम अधिकारी ही संभालेंगे। 3 नवम्बर 2020 को हुए पार्षदों के निर्वाचन के हिसाब से पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल रविवार को पूरा हो रहा है। रविवार का सार्वजनिक छुट्टी होने से उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है। पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही कोटा निगम की समितियां भी भंग हो गई है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में करीब तीन साल पहले जुलाई 2022 में 22 समितियों का गठन किया गया था। जिनमें हर समिति में एक पार्षद को समिति का अध्यक्ष व 9 अन्य पार्षदों को समिति का सदस्य बनाया गया था। समितियों में महापौर को भवन निर्माण स्वीकृति समिति का और उप महापौर को सफाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि कांग्रेस सरकार में कोटा उत्तर महापौर को मेला समिति का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मेला समिति का नए सिरे से गठन कर कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष को मेला समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इसी तरह से वित्त समिति, अतिक्रमण निरोधक दस्ती, निर्माण समिति, गौशाला समिति, उद्यान समिति, गैराज समिति समेत 22 समितियां थी। जबकि कोटा उत्तर निगम में तो पूरे 5 साल में समितियां ही नहीं बनाई जा सकी। नेता प्रतिपक्ष व उप महापौर की सुविधाएं भी सरेंडर
कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही सरकार की ओर से नियुक्त नेता प्रतिपक्ष और निर्वाचित उप महापौर को निगम के स्तर पर मिली सुविधाएं भी सरेंडर हो गई है। हालांकि कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष ने काफी समय पहले ही गाड़ी सरेंडर कर दी थी। उप महापौर की गाड़ी भी पहले ही जमा हो गई थी। वहीं कोटा उत्तर के नेता प्रतिपक्ष व उप महापौर के वाहन, गार्ड व चैम्बर समेत अन्य सुविधाएं भी सरेंडर हो गई है। जबकि दोनों निगमों में महापौर को अभी 9 नवम्बर तक सुविधाएं मिलती रहेंगी। हालांकि कोटा दक्षिण महापौर ने भी काफी समय पहले ही गाड़ी सरेंडर कर दी थी। संभागीय आयुक्त 9 को संभालेंगे प्रशासक की कमान
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेश में बोर्ड का कार्यकाल 9 नवम्बर तक माना है। वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही कोटा में एक निगम हो गया है। जिसे देखते हुए 9 नवम्बर के बाद नगर निगम कोटा की कमान प्रशासक के रूप में संभागीय आयुक्त संभाल लेंगे। अभी जिला कलक्टर पीयूष सामरिया के पास ही संभागीय आयुक्त का चार्ज है। नए बोर्ड का गठन होने तक वे ही प्रशासक रहेंगे। वहीं दोनों निगमों में आयुक्त भी उनके अधीन काम करते रहेंगे।
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण के वर्तमान पार्षदों के कार्यकाल के साथ ही रविवार को खत्म हो रहा है। हालांकि सरकार ने महापौर के निर्वाचन से बोर्ड का कार्यकाल मानते हुए बोर्ड भंग होने पर संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त कर निगम की कमान संभलाई है। ऐसे में नौ नवंबर से प्रशासक निगम का काम देखेंगे। लेकिन पार्षदों का कार्यकाल रविवार को खत्म हो रहा है ऐसे में निगम की सभी 22 समितियां भी भंग हो गई। अब समितियों का कामकाज भी निगम अधिकारी ही संभालेंगे। 3 नवम्बर 2020 को हुए पार्षदों के निर्वाचन के हिसाब से पार्षदों का 5 साल का कार्यकाल रविवार को पूरा हो रहा है। रविवार का सार्वजनिक छुट्टी होने से उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है। पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही कोटा निगम की समितियां भी भंग हो गई है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में करीब तीन साल पहले जुलाई 2022 में 22 समितियों का गठन किया गया था। जिनमें हर समिति में एक पार्षद को समिति का अध्यक्ष व 9 अन्य पार्षदों को समिति का सदस्य बनाया गया था। समितियों में महापौर को भवन निर्माण स्वीकृति समिति का और उप महापौर को सफाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि कांग्रेस सरकार में कोटा उत्तर महापौर को मेला समिति का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मेला समिति का नए सिरे से गठन कर कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष को मेला समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इसी तरह से वित्त समिति, अतिक्रमण निरोधक दस्ती, निर्माण समिति, गौशाला समिति, उद्यान समिति, गैराज समिति समेत 22 समितियां थी। जबकि कोटा उत्तर निगम में तो पूरे 5 साल में समितियां ही नहीं बनाई जा सकी। नेता प्रतिपक्ष व उप महापौर की सुविधाएं भी सरेंडर
कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही सरकार की ओर से नियुक्त नेता प्रतिपक्ष और निर्वाचित उप महापौर को निगम के स्तर पर मिली सुविधाएं भी सरेंडर हो गई है। हालांकि कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष ने काफी समय पहले ही गाड़ी सरेंडर कर दी थी। उप महापौर की गाड़ी भी पहले ही जमा हो गई थी। वहीं कोटा उत्तर के नेता प्रतिपक्ष व उप महापौर के वाहन, गार्ड व चैम्बर समेत अन्य सुविधाएं भी सरेंडर हो गई है। जबकि दोनों निगमों में महापौर को अभी 9 नवम्बर तक सुविधाएं मिलती रहेंगी। हालांकि कोटा दक्षिण महापौर ने भी काफी समय पहले ही गाड़ी सरेंडर कर दी थी। संभागीय आयुक्त 9 को संभालेंगे प्रशासक की कमान
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेश में बोर्ड का कार्यकाल 9 नवम्बर तक माना है। वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही कोटा में एक निगम हो गया है। जिसे देखते हुए 9 नवम्बर के बाद नगर निगम कोटा की कमान प्रशासक के रूप में संभागीय आयुक्त संभाल लेंगे। अभी जिला कलक्टर पीयूष सामरिया के पास ही संभागीय आयुक्त का चार्ज है। नए बोर्ड का गठन होने तक वे ही प्रशासक रहेंगे। वहीं दोनों निगमों में आयुक्त भी उनके अधीन काम करते रहेंगे।