गोरखपुर बना रेलवे का साइबर सुरक्षा केंद्र:24 घंटे सक्रिय रहेगा हाईटेक सेल, अब हर डिजिटल सिस्टम रहेगा सुरक्षित
पूर्वोत्तर रेलवे के सभी डिजिटल सिस्टम, पोर्टल और सॉफ्टवेयर अब साइबर सुरक्षा कवच में आ गए हैं। गोरखपुर मुख्यालय में रेलवे ने अपना साइबर सिक्योरिटी सेल स्थापित किया है, जो पूरे जोन के नेटवर्क और डेटा सिस्टम की सुरक्षा पर चौबीसों घंटे नजर रखेगा। यह पहली बार है जब रेलवे के साइबर संचालन की निगरानी सीधे गोरखपुर से की जाएगी। इस सेल का नेतृत्व मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (यात्री सेवाएं) विजय कुमार को सौंपा गया है। उनके साथ दो डिप्टी अफसर और दस से अधिक प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की टीम तैनात की गई है, जो पूरे पूर्वोत्तर रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और निगरानी करेगी। साइबर हमलों और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर कड़ी निगरानी
साइबर सिक्योरिटी सेल रेलवे के ऑनलाइन सिस्टम को हैकिंग, डेटा चोरी और फर्जी वेबसाइटों से बचाने का काम करेगी। साथ ही ऑनलाइन टिकटिंग से जुड़ी धोखाधड़ी और संदिग्ध वेबसाइटों पर भी नजर रखी जाएगी। टीम को आधुनिक साइबर सुरक्षा तकनीकों की विशेष ट्रेनिंग दी गई है, ताकि किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके। गोरखपुर में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम
मुख्यालय में एक हाईटेक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है, जो 24 घंटे कार्य करेगा। कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी तय की गई है — हर शिफ्ट आठ घंटे की होगी, और हर शिफ्ट में कम से कम तीन कर्मचारी रहेंगे। यह टीम रेलवे के सर्वर और ऑनलाइन गतिविधियों की रियल-टाइम निगरानी करेगी। मंडलों को दिए गए सख्त निर्देश
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय ने सभी मंडलों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि या तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी तुरंत गोरखपुर स्थित सेल को दी जाए। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से गोरखपुर अब पूर्वोत्तर रेलवे के साइबर सुरक्षा का मुख्य केंद्र बन जाएगा। आगे चलकर इस सेल को अन्य जोनों से भी जोड़ा जाएगा, जिससे रेलवे की डिजिटल प्रणाली और यात्री सेवाएं और अधिक सुरक्षित बन सकेंगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के सभी डिजिटल सिस्टम, पोर्टल और सॉफ्टवेयर अब साइबर सुरक्षा कवच में आ गए हैं। गोरखपुर मुख्यालय में रेलवे ने अपना साइबर सिक्योरिटी सेल स्थापित किया है, जो पूरे जोन के नेटवर्क और डेटा सिस्टम की सुरक्षा पर चौबीसों घंटे नजर रखेगा। यह पहली बार है जब रेलवे के साइबर संचालन की निगरानी सीधे गोरखपुर से की जाएगी। इस सेल का नेतृत्व मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (यात्री सेवाएं) विजय कुमार को सौंपा गया है। उनके साथ दो डिप्टी अफसर और दस से अधिक प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की टीम तैनात की गई है, जो पूरे पूर्वोत्तर रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और निगरानी करेगी। साइबर हमलों और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर कड़ी निगरानी
साइबर सिक्योरिटी सेल रेलवे के ऑनलाइन सिस्टम को हैकिंग, डेटा चोरी और फर्जी वेबसाइटों से बचाने का काम करेगी। साथ ही ऑनलाइन टिकटिंग से जुड़ी धोखाधड़ी और संदिग्ध वेबसाइटों पर भी नजर रखी जाएगी। टीम को आधुनिक साइबर सुरक्षा तकनीकों की विशेष ट्रेनिंग दी गई है, ताकि किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके। गोरखपुर में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम
मुख्यालय में एक हाईटेक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है, जो 24 घंटे कार्य करेगा। कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी तय की गई है — हर शिफ्ट आठ घंटे की होगी, और हर शिफ्ट में कम से कम तीन कर्मचारी रहेंगे। यह टीम रेलवे के सर्वर और ऑनलाइन गतिविधियों की रियल-टाइम निगरानी करेगी। मंडलों को दिए गए सख्त निर्देश
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय ने सभी मंडलों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि या तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी तुरंत गोरखपुर स्थित सेल को दी जाए। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से गोरखपुर अब पूर्वोत्तर रेलवे के साइबर सुरक्षा का मुख्य केंद्र बन जाएगा। आगे चलकर इस सेल को अन्य जोनों से भी जोड़ा जाएगा, जिससे रेलवे की डिजिटल प्रणाली और यात्री सेवाएं और अधिक सुरक्षित बन सकेंगी।