क्या CM बनेंगे सम्राट चौधरी या विजय सिन्हा:शाह ने कहा- दोनों को बड़ा आदमी बनाएंगे मोदी; फिर नीतीश का क्या होगा
अगर NDA चुनाव जीता तो क्या नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे? बिहार में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला सवाल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन 29 अक्टूबर को दरभंगा में चुनावी सभा में उन्होंने कहा- नीतीश कुमार के रहते CM पद की वैकेंसी नहीं है। उनके इस बयान को नीतीश कुमार को NDA के CM फेस के तौर पर देखा गया। हालांकि, अगले ही दिन 30 अक्टूबर को शाह ने लखीसराय में डिप्टी CM विजय सिन्हा और तारापुर में डिप्टी CM सम्राट चौधरी को बड़ा आदमी बनाने की बातें कह दी। …तो क्या नीतीश कुमार पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे? क्या नीतीश कुमार के बाद सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा CM बनने के रेस में हैं? नीतीश भाजपा के लिए मजबूरी क्यों? जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह के 3 बयान को पढ़िए… बयान-1ः तारीख-29 अक्टूबर, जगह- अलीनगर सोनिया जी अपने बेटे को PM बनाना चाहती हैं और लालू जी अपने बेटे को CM। मैं उन्हें कहना चाहता हूं- ये दोनों पद खाली नहीं हैं। वहां (दिल्ली) मोदी जी हैं। यहां (पटना) नीतीश जी। बयान-2ः तारीख- 30 अक्टूबर, जगह- लखीसराय हमने एक कार्यकर्ता के रूप में यहां विजय सिन्हा को भेजा था। मैं यहां आपका धन्यवाद करने आया हूं, हमने एक कार्यकर्ता भेजा था। आपने उसे विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचाया। हमने एक कार्यकर्ता भेजा था। आपने उसे उपमुख्यमंत्री तक पहुंचाया। मैं आपसे कहकर जाता हूं आप फिर से विजय बाबू को विधायक बना दो, हम उनको बड़ा आदमी बनाएंगे। बयान-3ः तारीख-30 अक्टूबर, जगह- तारापुर बिहार में अभी हर जगह जा रहा हूं। सब जगह लोग कहते हैं- साहब हमारे विधायक को मंत्री बनाने का काम करिएगा। मगर हमने तारापुर वालों आपको बना बनाया उपमुख्यमंत्री दे दिया है। आप भरोसा रखिए, सम्राट चौधरी को जिताईए, मोदी जी इनको बड़ा आदमी बनाएंगे। सवाल-1ः अमित शाह के इन 3 बयानों का मतलब क्या है? जवाबः तीनों बयाने के अपने-अपने मायने हैं। सीनियर जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा कहते हैं… सवाल-2ः नीतीश कुमार के CM फेस पर बना संशय क्या अब खत्म हो गया है? जवाबः बिल्कुल। सीनियर जर्नलिस्ट अरुण पांडेय कहते हैं, ‘शाह के वैकेंसी नहीं है’ के बयान से साफ है कि अगर सरकार बनी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे। तेजस्वी के नाम की घोषणा के बाद NDA पर भी CM फेस की घोषणा का दबाव बन रहा था। जिसे अमित शाह ने अपने बयान से खत्म कर दिया।’ वहीं, पॉलिटिकल एनालिस्ट अवधेश कुमार कहते हैं, 'CM फेस को लेकर BJP में कभी दो राय रही ही नहीं है। नीतीश कुमार CM रहेंगे इस बात को लेकर दुविधा अभी भी नहीं है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया है। नीतीश कुमार के प्रति लोगों को सहानुभूति है। इसलिए विपक्ष की तरफ से इसे इश्यू बना रहा है। बीजेपी की तरफ से लगातार ये बात बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।' सवाल-3ः …तो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को ‘बड़ा पद’ देने के क्या मायने? जवाबः इसके दो बड़े मायने हैं… पहला- सरकार बनी तो बड़ी जिम्मेदारी मिलनी तय सीनियर जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा कहते हैं, ‘अगर NDA की सरकार चुनाव बाद बनेगी तो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का करीब-करीब कम से कम डिप्टी CM बनना तय है। वैसे भाजपा में नेताओं का डिमोशन भी होता है, जैसे- महाराष्ट्र में शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी CM बना दिया गया था। लेकिन सम्राट और विजय सिन्हा का नहीं होगा, इसके संकेत हैं।’ शाह के बयानों को इस उदाहरण से भी समझिए… दूसरा- कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर लखीसराय और तारापुर जीतना चाहते हैं सीनियर जर्नलिस्ट अरुण पांडेय कहते हैं, ‘इस तरह का बयान कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए दिया जाता है। चूंकि दोनों सीट लखीसराय और तारापुर में कांटे की टक्कर है। फ्लोटिंग वोटरों के बीच जब इस तरह की बात जाएगी तो उन पर गहरा असर पड़ेगा। हर वोटर की चाहत होती है कि हम जिसे वोट करें उस नेता को सरकार में महत्वपूर्ण स्थान मिले। ताकि कोई अगर काम हो तो कराया जा सके।’ सवाल-4ः आखिर नीतीश कुमार को लेकर ये संशय बना कैसे था? जवाबः दरअसल, भाजपा के दो बड़े नेता PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने 29 अक्टूबर से पहले तक नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे, इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया था। वह बार-बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बातें कहते थे। इससे संशय की स्थिति बन गई थी। सवाल-5ः ऐसी क्या वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर BJP को रुख बदलना पड़ा? जवाबः दो बड़ी वजह है… 1. 15% वोट बैंक के साथ किंग की भूमिका पॉलिटिकल एनालिस्ट सज्जन कुमार सिंह कहते हैं, 'BJP जानती है कि वोट बैंक नीतीश कुमार के पास ही है। उनके साथ आने से ही सरकार बनेगी। आज भी नीतीश कुमार के पास कम से कम 15% वोट है।' सज्जन कुमार सिंह कहते हैं, 'पिछले 4 विधानसभा चुनाव में नीतीश की JDU को 15% से ज्यादा वोट मिले हैं, चाहे वो NDA या महागठबंधन में रहे हों या फिर अकेले। इसकी सबसे बड़ी वजह है नीतीश की कुर्मी, कोइरी-कुशवाहा और EBC वोटर्स में मजबूत पकड़।’ अब इसे डेटा से समझिए… 2. भाजपा के पास बड़ा OBC चेहरा नहीं शिशिर सिन्हा कहते हैं, ‘फिलहाल बिहार भाजपा में कोई बड़ा OBC चेहरा नहीं है। सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद ऐसा कोई OBC लीडर नहीं है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हो। बिहार राजनीतिक रूप से उपजाऊ जमीन वाला राज्य है। यहां बड़ा राजनीतिक कद वाला व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा। चेहरा की कमी का फायदा नीतीश कुमार को मिलता रहा है।’
अगर NDA चुनाव जीता तो क्या नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे? बिहार में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला सवाल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन 29 अक्टूबर को दरभंगा में चुनावी सभा में उन्होंने कहा- नीतीश कुमार के रहते CM पद की वैकेंसी नहीं है। उनके इस बयान को नीतीश कुमार को NDA के CM फेस के तौर पर देखा गया। हालांकि, अगले ही दिन 30 अक्टूबर को शाह ने लखीसराय में डिप्टी CM विजय सिन्हा और तारापुर में डिप्टी CM सम्राट चौधरी को बड़ा आदमी बनाने की बातें कह दी। …तो क्या नीतीश कुमार पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे? क्या नीतीश कुमार के बाद सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा CM बनने के रेस में हैं? नीतीश भाजपा के लिए मजबूरी क्यों? जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह के 3 बयान को पढ़िए… बयान-1ः तारीख-29 अक्टूबर, जगह- अलीनगर सोनिया जी अपने बेटे को PM बनाना चाहती हैं और लालू जी अपने बेटे को CM। मैं उन्हें कहना चाहता हूं- ये दोनों पद खाली नहीं हैं। वहां (दिल्ली) मोदी जी हैं। यहां (पटना) नीतीश जी। बयान-2ः तारीख- 30 अक्टूबर, जगह- लखीसराय हमने एक कार्यकर्ता के रूप में यहां विजय सिन्हा को भेजा था। मैं यहां आपका धन्यवाद करने आया हूं, हमने एक कार्यकर्ता भेजा था। आपने उसे विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचाया। हमने एक कार्यकर्ता भेजा था। आपने उसे उपमुख्यमंत्री तक पहुंचाया। मैं आपसे कहकर जाता हूं आप फिर से विजय बाबू को विधायक बना दो, हम उनको बड़ा आदमी बनाएंगे। बयान-3ः तारीख-30 अक्टूबर, जगह- तारापुर बिहार में अभी हर जगह जा रहा हूं। सब जगह लोग कहते हैं- साहब हमारे विधायक को मंत्री बनाने का काम करिएगा। मगर हमने तारापुर वालों आपको बना बनाया उपमुख्यमंत्री दे दिया है। आप भरोसा रखिए, सम्राट चौधरी को जिताईए, मोदी जी इनको बड़ा आदमी बनाएंगे। सवाल-1ः अमित शाह के इन 3 बयानों का मतलब क्या है? जवाबः तीनों बयाने के अपने-अपने मायने हैं। सीनियर जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा कहते हैं… सवाल-2ः नीतीश कुमार के CM फेस पर बना संशय क्या अब खत्म हो गया है? जवाबः बिल्कुल। सीनियर जर्नलिस्ट अरुण पांडेय कहते हैं, ‘शाह के वैकेंसी नहीं है’ के बयान से साफ है कि अगर सरकार बनी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे। तेजस्वी के नाम की घोषणा के बाद NDA पर भी CM फेस की घोषणा का दबाव बन रहा था। जिसे अमित शाह ने अपने बयान से खत्म कर दिया।’ वहीं, पॉलिटिकल एनालिस्ट अवधेश कुमार कहते हैं, 'CM फेस को लेकर BJP में कभी दो राय रही ही नहीं है। नीतीश कुमार CM रहेंगे इस बात को लेकर दुविधा अभी भी नहीं है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया है। नीतीश कुमार के प्रति लोगों को सहानुभूति है। इसलिए विपक्ष की तरफ से इसे इश्यू बना रहा है। बीजेपी की तरफ से लगातार ये बात बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।' सवाल-3ः …तो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को ‘बड़ा पद’ देने के क्या मायने? जवाबः इसके दो बड़े मायने हैं… पहला- सरकार बनी तो बड़ी जिम्मेदारी मिलनी तय सीनियर जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा कहते हैं, ‘अगर NDA की सरकार चुनाव बाद बनेगी तो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का करीब-करीब कम से कम डिप्टी CM बनना तय है। वैसे भाजपा में नेताओं का डिमोशन भी होता है, जैसे- महाराष्ट्र में शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी CM बना दिया गया था। लेकिन सम्राट और विजय सिन्हा का नहीं होगा, इसके संकेत हैं।’ शाह के बयानों को इस उदाहरण से भी समझिए… दूसरा- कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर लखीसराय और तारापुर जीतना चाहते हैं सीनियर जर्नलिस्ट अरुण पांडेय कहते हैं, ‘इस तरह का बयान कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए दिया जाता है। चूंकि दोनों सीट लखीसराय और तारापुर में कांटे की टक्कर है। फ्लोटिंग वोटरों के बीच जब इस तरह की बात जाएगी तो उन पर गहरा असर पड़ेगा। हर वोटर की चाहत होती है कि हम जिसे वोट करें उस नेता को सरकार में महत्वपूर्ण स्थान मिले। ताकि कोई अगर काम हो तो कराया जा सके।’ सवाल-4ः आखिर नीतीश कुमार को लेकर ये संशय बना कैसे था? जवाबः दरअसल, भाजपा के दो बड़े नेता PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने 29 अक्टूबर से पहले तक नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे, इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया था। वह बार-बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बातें कहते थे। इससे संशय की स्थिति बन गई थी। सवाल-5ः ऐसी क्या वजह है कि नीतीश कुमार को लेकर BJP को रुख बदलना पड़ा? जवाबः दो बड़ी वजह है… 1. 15% वोट बैंक के साथ किंग की भूमिका पॉलिटिकल एनालिस्ट सज्जन कुमार सिंह कहते हैं, 'BJP जानती है कि वोट बैंक नीतीश कुमार के पास ही है। उनके साथ आने से ही सरकार बनेगी। आज भी नीतीश कुमार के पास कम से कम 15% वोट है।' सज्जन कुमार सिंह कहते हैं, 'पिछले 4 विधानसभा चुनाव में नीतीश की JDU को 15% से ज्यादा वोट मिले हैं, चाहे वो NDA या महागठबंधन में रहे हों या फिर अकेले। इसकी सबसे बड़ी वजह है नीतीश की कुर्मी, कोइरी-कुशवाहा और EBC वोटर्स में मजबूत पकड़।’ अब इसे डेटा से समझिए… 2. भाजपा के पास बड़ा OBC चेहरा नहीं शिशिर सिन्हा कहते हैं, ‘फिलहाल बिहार भाजपा में कोई बड़ा OBC चेहरा नहीं है। सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद ऐसा कोई OBC लीडर नहीं है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हो। बिहार राजनीतिक रूप से उपजाऊ जमीन वाला राज्य है। यहां बड़ा राजनीतिक कद वाला व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा। चेहरा की कमी का फायदा नीतीश कुमार को मिलता रहा है।’