अमित शाह 10 नवंबर को ‘कोऑपरेटिव कुम्भ 2025’ का करेंगे उद्घाटन
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह शहरी सहकारी बैंकों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘कोऑपरेटिव कुम्भ 2025’ का 10 नवंबर को उद्घाटन करेंगे। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में शहरी सहकारी बैंकों के सम्मेलन का नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 10-11 नवंबर को आयोजन होने वाला है। इसे ‘कोऑपरेटिव कुम्भ 2025’ का नाम दिया गया है। नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोआपरेटिव बैंक एंड क्रेडिट सोसाइटीज के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय सहकारिता मंत्री करेंगे। वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के समापन समारोह में शामिल होने की संभावना है। नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोआपरेटिव बैंक एंड क्रेडिट सोसाइटीज के अध्यक्ष लक्ष्मी दास ने एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत और दूसरे देशों के शहरी सहकारी बैंकों के 1200 चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इस दो-दिवसीय समेल्लन में ओपन बैंकिंग, डिजिटल ऋण, बैंकों में कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल, ऋण वृद्धि, प्रौद्योगिकी संबंधी आधुनिकीकरण और भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता में शहरी सहकारी बैंकों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह शहरी सहकारी बैंकों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘कोऑपरेटिव कुम्भ 2025’ का 10 नवंबर को उद्घाटन करेंगे। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में शहरी सहकारी बैंकों के सम्मेलन का नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 10-11 नवंबर को आयोजन होने वाला है। इसे ‘कोऑपरेटिव कुम्भ 2025’ का नाम दिया गया है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोआपरेटिव बैंक एंड क्रेडिट सोसाइटीज के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय सहकारिता मंत्री करेंगे। वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के समापन समारोह में शामिल होने की संभावना है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोआपरेटिव बैंक एंड क्रेडिट सोसाइटीज के अध्यक्ष लक्ष्मी दास ने एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत और दूसरे देशों के शहरी सहकारी बैंकों के 1200 चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
इस दो-दिवसीय समेल्लन में ओपन बैंकिंग, डिजिटल ऋण, बैंकों में कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल, ऋण वृद्धि, प्रौद्योगिकी संबंधी आधुनिकीकरण और भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता में शहरी सहकारी बैंकों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।



