केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना के लाभार्थियों के लिए योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अपना आधार नंबर देना या आवेदन करने का प्रमाण देना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि आधार न होने या प्रमाणीकरण में विफलता के कारण किसी भी पात्र बच्चे को लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। एक राजपत्र अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा कि योजना के तहत नकद लाभ प्राप्त करने के लिए आधार प्रमाणीकरण आवश्यक है, जिसमें परिवहन भत्ता, भोजन और आवास, परिवहन और नियुक्ति के बाद सहायता शामिल है।
दिव्यांगजनों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा मार्च 2015 में शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के कौशल को निखारने के लिए उच्च-गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे सार्थक रोज़गार प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना व्यापक दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु योजना (एसआईपीडीए) का एक हिस्सा है।
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी पात्र व्यक्ति के पास आधार संख्या नहीं है, तो उसे नामांकन के लिए आवेदन करना होगा। बच्चों के लिए, ऐसा आवेदन माता-पिता या कानूनी अभिभावक की सहमति से किया जाना चाहिए। जब तक आधार कार्ड नहीं बन जाता, लाभार्थी जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या कानूनी गोद लेने या संरक्षकता के कागजात सहित निर्दिष्ट वैकल्पिक दस्तावेजों का उपयोग करके अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं।